नई दिल्ली, 19 जून | दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में सूचना पाने के लिए लगाई गई एक और आरटीआई खारिज कर दी है। ऐसा करने के पीछे ‘निजता’ कारणों का हवाला दिया गया है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दिल्ली के एक अधिवक्ता मोहम्मद इरशाद ने इस बाबत जानकारी मांगी थी।
डीयू ने आरटीआई का जवाब देते हुए कहा, “डीयू प्रत्येक विद्यार्थी की निजता को बरकरार रखने की कोशिश करता है, क्योंकि यह विश्वासपूर्ण रिश्ते के तहत छात्र से संबद्ध जानकारी अपने पास रखता है।”
विश्वविद्यालय द्वारा मोदी की डिग्री से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने से इनकार करने से मामले ने तूल पकड़ लिया है।
मोदी की डिग्री को ‘फर्जी’ बताने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरटीआई पर विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए जवाब की एक प्रति रविवार को ट्विटर पर साझा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय सूचना देने से मना नहीं कर सकता।
केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, “इससे प्रधानमंत्री की डिग्री से संबंधित रहस्य और गहरा रहा है। अगर डीयू को लगता है कि यह निजी जानकारी है, तो उसे आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री को पत्र लिखना चाहिए और उनकी अनुमति लेनी चाहिए। डीयू सूचना देने से मना नहीं कर सकता।”
केजरीवाल ने अप्रैल में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) को मोदी की शैक्षणिक योग्यता सार्वजनिक करने के लिए एक पत्र लिखा था।
उनके पत्र के बाद सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से उनकी डिग्री सार्वजनिक करने के लिए कहा था।
डिग्री संबंधी विवाद को शांत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह एवं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डिग्री का खुलासा करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया था।
आप ने हालांकि शाह व जेटली की ओर से उपलब्ध कराई गई मोदी की डिग्री को फर्जी बताया है।
केजरीवाल ने रविवार को एक अन्य ट्वीट में कहा, “क्या? लेकिन क्यों? क्या अमित शाह एवं जेटली जी ने नहीं कहा कि डिग्री असली है और इसे कोई भी डीयू से ले सकता है?” –आईएएनएस
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