नई दिल्ली, 13 सितंबर।केन्द्रीय मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) के शुरुआत की अभी कोई तिथि तय नहीं की गई, इसमें यह 2021 की पहली तिमाही में तैयार हो सकती है।
सोशल मीडिया पर पहले फ्री-वीलिंग प्रश्न उत्तर सत्र – संडे संवाद में डॉ. हर्ष वर्धन ने ट्विटर पर मिले अनेक सवालों का जवाब दिया।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि सरकार वैक्सीन के मानव परीक्षण के लिए सभी सावधानियां बरत रही है और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल की अध्यक्षता में कोविड-19 के वैक्सीन के बारे में राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है।
यह तय करेगा कि ज्यादा से ज्यादा जनसंख्या को कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) दी जा सके। इसके अलावा वैक्सीन सुरक्षा, दाम, कोल्ड-चेन आवश्यकता, विनिर्माण के कार्यक्रम पर भी सघन चर्चा की जा रही है।
उन्होंने कहा “मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि पहले कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) उन्हें दी जाएगी, जिन्हें इनकी बहुत जरूरत हो, भले ही उनकी भुगतान क्षमता हो या नहीं।”
केन्द्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार कोविड-19 वैक्सीन (corona vaccine) के आपात अधिकार पत्र (ऑथोराइजेशन) पर विचार कर रही है। यदि इस पर सहमति होती है तो इस पर आगे काम किया जाएगा, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और अधिक जोखिम वाले स्थानों पर काम करने वाले लोगों के लिए। यह कार्य आम सहमति होने के बाद किया जाएगा।
वैक्सीन के सुरक्षा पहलुओं के बारे में आशंका का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, “कोरोना वैक्सीन के बारे में यदि किसी में विश्वास की कमी होगी तो मैं कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) लेने के लिए सबसे पहले अपनी पेशकश करूंगा”।
सामान्यजनों के लिए स्वास्थ्य देखभाल की लागत वाजिब बनाने के लिए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि सरकार ने निजी अस्पतालों में कोविड-19 के उपचार का मूल्य वाजिब बनाने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 के मरीजों के लिए 5 लाख रुपए तक की फ्री कवरेज देने की शुरूआत की है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत – पीएम-जेएवाई पैकेज के अंतर्गत पात्र लोगों को यह लाभ मिल रहा है। इसके अलावा राज्यों में केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना-सीजीएचएस की दरें लागू हैं।
भारत सरकार ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ अग्रसक्रिय रूप से विचार-विमर्श कर उन्हें सरकारी और निजी स्वास्थ्य केन्द्रों में पूलिंग पर विचार करने को कहा है। इससे कोविड-19 के मरीजों को गुणवत्तापूर्ण वाजिब स्वास्थ्य देखभाल तुरंत मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं निजी अस्पतालों से अपील की है कि वे कोविड मरीजों से अधिक दरें वसूलने से बचें।
महामारी के शुरुआती दौर में कंवालेसेंट प्लाज्मा थेरेपी और रेमडेसिविर सामान्यजन के पहुंच में नहीं होने पर केन्द्रीय मंत्री ने खेद व्यक्त किया, क्योंकि इन पर कालाबाजारी की कथित खबरें मिल रही थीं। यद्यपि, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि जब इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया तो उन्होंने कार्रवाई की।
उन्होंने दावा किया कि इस बारे में सरकार ने काफी सतर्कता बरती। इसी कारण अब इनकी कीमतें विश्व के अन्य देशों के मुकाबले कम हैं।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि सरकार को संक्रमण के उभरते स्वरूप और संक्रमित लोगों में स्वास्थ्य की जटिलताओं के उभरते प्रमाण की जानकारी है।
उन्होंने कहा कि एम्स और अन्य अनुसंधान संस्थानों से कोविड-19 के दीर्घकालिक प्रभाव का अध्ययन करने के लिए कहा गया है।
आईसीएमआर कोविड-19 पर एक राष्ट्रीय क्लीनिकल रजिस्ट्री स्थापित कर रहा है, जो कोविड-19 के रोग के दौरान नैदानिक जानकारी प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि यह सफेद झूठ है कि एनडीएचएम की व्यवस्था में शामिल नहीं होने वालों को अस्पताल में सुविधाएं नहीं मिलेंगी। जो व्यक्ति और संस्थान इस व्यवस्था में शामिल नहीं होंगे, उन्हें वर्तमान समय की तरह स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली तक पहुंच मिलती रहेगी।
(यू-ट्यूब पर संडे संवाद देखने के लिए “Sunday Samvad with Dr. Harsh Vardhan” लिख कर सर्च कर सकते हैं।)
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