पटना, 06 अप्रैल (जनसमा)। बिहार में मंगलवार से देशी और विदेशी शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बारे में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज से बिहार ‘ड्राई स्टेट‘ हो गया है।
नीतीश ने बताया कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी को तत्काल प्रभाव से लागू करने का फैसला लिया गया है। बिहार में मंगलवार से देशी एवं विदेशी शराब के थोक एवं खुदरा व्यापार तथा उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस संबंध में आज ही सूचना जारी हो रही है।
नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के पहले चरण में 1 अप्रैल 2016 से देशी और मसालेदार शराब पर प्रतिबंध लगाया गया। नई उत्पाद नीति के द्वारा यह तय हुआ कि पूरे बिहार में चरणबद्ध ढंग से पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे। पहले चरण में देशी एवं मसालेदार शराब, उसके बाद विदेशी शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के लिए जन-जागरण अभियान चलाया गया। महिलाओं एवं बच्चों ने जन-जागरण अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई। स्कूली बच्चों ने अपने अभिभावकों से शपथ पत्र लिया कि हम शराब नहीं पियेंगे। एक करोड़ 17 लाख शपथ पत्र जमा हुए। 84 हजार नुक्कड़ नाटक हुए। सात लाख से ज्यादा शराबबंदी के पक्ष में नारे लिखे गए। लोगों में शराबबंदी को लेकर पूर्ण उत्साह एवं उमंग का वातावरण बना।
नीतीश ने बताया कि एक अप्रैल 2016 से देशी एवं मसालेदार शराबबंदी के पहले 12 लाख 58 हजार देशी शराब नष्ट की गई। नई उत्पाद नीति के तहत 4,933 लोगों को गिरफ्तार किया गया। विधेयक में कड़े प्रावधान लागू किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पूर्ण बिहार में लोगों ने शराबबंदी का भरपूर स्वागत किया। पूरे बिहार में स्वच्छ वातावरण बना। यह एक जन-आन्दोलन का रूप ले चुका है। सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गई है।
उन्होंने कहा कि बिहार के आम अवाम एवं महिलाओं को बधाई देता हूँ। यही तेवर बनाए रखें तो बिहार एक उदाहरण बनेगा। जो पैसा शराब में खर्च हो रहा था, वह लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण में खर्च होगा।
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