शिमला, 01 जनवरी। तत्तापानी और सलापड़ क्षेत्र के मध्य जल परिवहन सुविधाएं विकसित करने के लिए तत्तापानी और कसोल गांव में 2.02 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से दो जैटीज और सामान्य सुविधाएं निर्मित की जाएंगी।
तत्तापानी गाँव शिमला से 52 किमी की दूरी पर मंडी जिले के करसोग और नालदेहरा से 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा सलापड की दूरी शिमला से लगभग 90 किमी है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने गुरूवार को यहां अन्तरदेशीय जल परिवहन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि इस मामले में एनटीपीसी से जैटीज के निर्माण के लिए भूमि के उपयोग के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने के लिए प्रारूप समझौता प्राप्त कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल क्षेत्र के लोगों को कम लागत में प्रभावी परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी बल्कि क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह आकर्षण का अतिरिक्त केन्द्र साबित होगा।
इससे आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि परामर्श सेवाओं के लिए ई-टेंडर आमंत्रित किए जा चुके हैं ताकि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा सके।
कोल बांध, भाखड़ा बांध, चमेरा बांध और पौंग बांध जलाशयों में विधि मान्य स्थानों पर टैंडर दस्तावेज तैयार करने के लिए भी ई-टैंडर आमंत्रित की गईं हैं।
यात्रियों (और माल, यदि कोई हो) के लिए डिजाइन तत्वों का माॅड्यूलेराइजेशन और भविष्य में किए जाने वाले संभावित परिवर्तन के लिए अनुकूल योग्य डिजाइन माॅडल का विकास भी इसका हिस्सा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल डैम में 10 रूट अधिसूचित किए गए हैं जिनमें अहान से कोल, कियान से सुई वाया बियो, सूई से नेरी-रोपड़ू वाया बियो, नेरी-रोपड़ू से कारला-बेरल, दोघरी से कारला-बेरल, कियान से जरटू, शाकरा से कियान, चाबा से सरौर, तत्तापानी से क्यारी (चिल्ला) और कियान से कारला अहान, जरटू, सूई, मेहन्दला और नेरी रोपड़ू (ठहराव के साथ) मार्ग शामिल हैं।
भारतीय अन्तरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और परिवहन विभाग ने 20 जुलाई, 2019 को कोल डैम में सम्भावनाएं खोजने के लिए संयुक्त निरीक्षण किया जिसमें राजकीय महाविद्याल सुन्नी, हाॅट स्प्रिंग होटल तत्तापानी के निकट, रंदौल गांव और कसोल गांव को तत्तापानी और सलापड़ के बीच जल परिवहन आरम्भ करने के लिए उपयुक्त पाया गया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि विभाग को वित्ता पोषण के लिए भारतीय अन्तरदेशीय जल प्राधिकरण के समक्ष विभिन्न परियोजनाएं रखनी चाहिए।
भारत सरकार ने 25 मार्च 2016 को राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम-2016 के तहत चार राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए।
इनमें ब्यास नदी में तलवाड़ा बेरेज से हरकीधाम, चेनाब नदी पर चेनाब सड़क पुल से भद्राकलां के निकट पुल, रावी नदी में गंधियार बांध से रंजीत सागर बांध और सतलुज नदी में सुन्नी सड़क पुल से हरकीधाम शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोविन्द सागर बांध में 107 अन्तर्देशीय जल परिवहन मार्ग चिन्हित किए गए है और कुल 170 परमिट दिए गए है। 60 कि.मी. लंबा बिलासपुर-भाखड़ा मार्ग सबसे लंबा रूट है जिसके लिए लोगों को केवल 80 रुपये किराया देना पड़ता है।
प्रधान सचिव, परिवहन के.के. पंत ने मुख्यमंत्रीे को आश्वासन दिया कि तत्तापानी और सलापड़ के बीच सभी सम्भव स्थानों पर जल परिवहन सुविधा शुरू करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएगे।
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