तनावग्रस्त कश्मीर घाटी में कर्फ्यू, इंटरनेट सेवाएं बंद

श्रीनगर, 14 अप्रैल | बीते दो दिनों में सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी और आंसू गैस के गोले छोड़ने में चार नागरिकों की मौत के बाद तनाव से गुजर रही कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में गुरुवार को फिर कर्फ्यू लगा दिया गया। अधिकारियों ने एहितायाती कदम के रूप में और अफवाहों को रोकने के लिए समूची घाटी में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद करा दी है।

फोटोः हंदवाड़ा में 14 अप्रैल, 2016 को लगे कर्फ्यू में सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए सुरक्षा बल के जवान। (आईएएनएस)

एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि पुराने श्रीनगर शहर के हिस्सों में प्रतिबंध जारी रहेंगे। स्थानीय लोगों की मौत के विरोध में पूरी कश्मीर घाटी में बुलाए गए अलगाववादियों के बंद के मद्देनजर मुख्य कारोबारी केंद्र लाल चौक पर भी आने-जाने पर रोक लगाई गई है।

उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा शहर और सीमा से लगते कुपवाड़ा जिले में भी कर्फ्यू लगाया गया है।

हंदवाड़ा शहर में मंगलवार को ऐसी अफवाहें उड़ी थीं कि एक सैनिक ने किशोरी से छेड़छाड़ की है, जिसका विरोध करने सड़कों पर उतरे स्थानीय लोगों की सुरक्षाबलों से हिंसक झड़प हुई। सुरक्षाबलों ने हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए गोलियां चलाईं, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई।

सेना ने छेड़छाड़ के आरोप को खारिज किया है और कहा है कि यह अफवाह उसे बदनाम करने के लिए फैलाई गई।

इंटरनेट पर एक वीडियो जारी हुआ है जिसमें लड़की को भी इस आरोप को गलत बताते हुए दिखाया गया है।

इस घटना के एक दिन बाद बुधवार को लोग हंदवाड़ा की घटना के विरोध में कुपवाड़ा जिले में सड़कों पर उतर आए। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस का गोला छोड़ा, जो 25 वर्षीय युवक के सिर में जा लगा। बाद में उसकी मौत हो गई।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों ने दक्षिण व उत्तरी कश्मीर के अन्य शहरों में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं ताकि ‘शरारती तत्वों को कानून एवं व्यवस्था को भंग करने से रोका जा सके।’

सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारूक और यासीन मलिक सहित अन्य अलगाववादी नेताओं को घरों में नजरबंद रखा गया है। इन लोगों ने मौतों के खिलाफ बंद का आह्वान किया है।

बंद का पूर्ण असर देखा गया। दुकानें, स्कूल, कॉलेज, दफ्तर और अन्य कारोबारी संस्थान बंद रहे। कश्मीर घाटी में यातायात के सार्वजनिक साधन सड़कों से नदारद रहे। यह स्थिति उन इलाकों में भी है जहां प्रशासन ने प्रतिबंध नहीं लगाए हैं।

अलगाववादियों ने शुक्रवार को भी नमाज के बाद विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है।

उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हूडा ने बुधवार को हंदवाड़ा का दौरा किया और मंगलवार की घटना के तथ्यों का पता लगाने के लिए एक समयबद्ध जांच का आश्वासन दिया।

हंदवाड़ा में विरोध-प्रदर्शन से ‘ठीक से नहीं निपटने’ के आरोप में एक सहायक सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है।

(आईएएनएस)