जयपुर, 20 अप्रैल (जनसमा)। राजस्थान में तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं, होलसेलर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा 85 प्रतिशत सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित नहीं होने वाले तम्बाकू उत्पादाें का क्रय, विक्रय, भण्डारण एवं वितरण करने पर सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (पैकेजिंग एवं लेबलिंग) संशोधित नियम-2014 के तहत नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जायेगी। यह नियम सम्पूर्ण भारतवर्ष में 1 अप्रैल 2016 से लागू हो गये हैं।
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने अधिनियम की पालना नहीं करने वालों के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी संभागों में संभाग स्तरीय समितियां गठित कर अधिनियम की अनुपालना सुनिश्चित करवाने के भी निर्देश दिये हैं।
राज्य नोडल अधिकारी एनटीसीपी डॉ. आदित्य आत्रेय ने बताया कि सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम की धारा 7 के अनुसार सभी तम्बाकू उत्पादों के 85 प्रतिशत प्रमुख प्रदर्शित भाग पर सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य है।
अधिनियम की उक्त धारा की अनुपालना में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (पैकेजिंग एवं लेबलिंग) संशोधित नियम 2014 की अधिसूचना 15 अक्टूबर 2014 को जारी की गयी। इसके तहत केवल वही तम्बाकू उत्पादों की बिक्री, वितरण, उत्पादन या आयात किये जाने की अनुमति है जिन पर 85 प्रतिशत प्रमुख प्रदर्शित भाग पर स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित की गयी है।
इन नियमों के उल्लघंन पर एक हजार रुपये से 10 हजार रुपये का दण्ड अथवा 1 वर्ष से 5 वर्ष तक का कारावास या दोनों का प्रावधान किया गया है। अधिनियम अंतर्गत राजस्व, स्वास्थ्य, यातायात, बिक्रीकर, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को सर्च व सीजर की शक्तियां प्रदान की गयी हैं।
फोटो आईएएनएस।
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