पारिवारिक पेंशन

तलाकशुदा बेटियाँ भी पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार होगी

नई दिल्ली, 27 सितंबर। तलाकशुदा बेटियाँ भी पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार होगी पारिवारिक पेंशन पाने के लिए तलाकशुदा बेटियों के लिए नियमों में ढील दे दी गई है।

एक तलाकशुदा बेटी अब पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार होगी, भले ही तलाक अंतिम रूप से हुआ न रहा हो लेकिन तलाक की याचिका उसके मृत माता पिता कर्मचारी, पेंशनभोगी के जीवन काल के दौरान ही उसके द्वारा दायर कर दी गई थी।

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा लाए गए कुछ महत्वपूर्ण सुधारों के बारे में शनिवार को  मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहले के नियमों में किसी तलाकशुदा बेटी को पारिवारिक पेंशन के भुगतान का प्रावधान तभी था जब तलाक उसके मृत माता पिता कर्मचारी, पेंशनभोगी या उसकी पत्नी/पति के जीवन काल के दौरान ही हो गया रहा हो।

नया परिपत्र न केवल पेंशन प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के जीवन में सुगमता लाएगा बल्कि तलाकशुदा बेटियाँ भी समाज में सम्मानजनक एवं समान अधिकार प्राप्त कर सकेंगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि किसी दिव्यांग शिशु या उसके भाई बहन को पारिवारिक पेंशन की मंजूरी के लिए भी आदेश जारी कर दिए गए हैं भले ही दिव्यांग प्रमाणपत्र पेंशनभोगी माता पिता की मृत्यु के बाद प्रस्तुत किया गया हो लेकिन विकलांगता माता पिता की मृत्यु से पहले ही हो गई हो।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, दिव्यांग पेंशनभोगियों के जीवन में सुगमता लाने के लिए सहायक के लिए परिचारक भत्ता भी 4,500 रुपये प्रति महीने से बढ़ा कर 6,700 रुपये कर दिया गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन विभाग द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के संबंध में सर्वाधिक उल्लेखनीय पहल की गई है।

ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के सामने आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने बच्चों के साथ विदेशों में चले गए हैं और वहीं बस गए हैं, उनके लिए जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने एवं पारिवारिक पेंशन आरंभ करने पर समेकित निर्देशों पर परिपत्र लाया गया है जिसके द्वारा संबंधित बैंक की विदेश स्थित शाखाओं तथा भारतीय दूतावास, वाणिज्य दूतावास/उच्चायोग को वहीं जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने एवं पारिवारिक पेंशन आरंभ करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसी के साथ-साथ सभी पेंशन संवितरण बैंकों को उन पेंशनभोगियों के लिए उनके दरवाजे पर ही जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं जो बैंक जाने में असमर्थ हैं।