ब्रिटेन में मिला नया सार्स- कोव-2 वायरस (SARS- CoV 2 virus) अधिक तेजी से फैलता है और युवाओं को प्रभावित करता है।
यूरोपीय सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (ECDC) का कहना है कि नया वायरस अधिक संक्रामक है और युवा आबादी को प्रभावित कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्स – कोव-2 संक्रमण (SARS- CoV 2 virus) के लिए एसओपी जारी की है।
एसओपी विदेश से आने वाले उन सभी यात्रियों के लिए हैं जो पिछले चार हफ्तों यानी 25 नवंबर से आज तक भारत आए हैं, इसमें भी खासतौर से ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के बारे में है।
ब्रिटेन से 23 दिसंबर से 31 दिसंबर तक या अगले आदेश तक उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित हैं। 21 से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से या वहां से होकर आने वाले विमान में भारत आने वाले यात्रियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण किया जाएगा।
एसओपी के अनुसार भारत में उतरने वाले और आने वाले यात्रियों को आरटी-पीसीआर परीक्षण में शामिल किया जाएगा। एक संक्रमित नमूने के मामले में, यह सिफारिश की जाती है कि स्पाइक जीन-आधारित आरटी-पीसीआर परीक्षण भी किया जाना चाहिए।
परीक्षण में संक्रमित पाए जाने वाले यात्रियों को संबंधित राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा समन्वित एक अलग (अलगाव) इकाई में संस्थागत अलगाव सुविधा में पृथक रखा जाएगा।
नया सार्स- कोव-2 वायरस (SARS- CoV 2 virus) के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वायरस में बदलाव उसके एक स्पाइक प्रोटीन में है।
स्पाइक प्रोटीन में एन501वाई परिवर्तन सबसे महत्वपूर्ण घटक है, जो वायरस द्वारा मानव एसीई2 रिसेप्टर को बांधने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
स्पाइक प्रोटीन के इस हिस्से में परिवर्तन से वायरस अधिक संक्रामक हो सकता है और अधिक आसानी से लोगों के बीच फैल सकता है।
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