त्रिपुरा चुनाव 2023: 60 सदस्यीय विधानसभा सदस्यों के चुनाव के लिए आज 16 फरवरी, 2023 को मतदान शुरू होगया है।राज्य में त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिल रही है। वोटों की गिनती 2 मार्च को होगी।
अगरतला में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव से पहले जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं से बीजेपी को जितने का आह्वान किया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), उसकी सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी); कांग्रेस-सीपीआई (एम), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), टिपरा मोथा (TIPRA Motha) विधानसभा में अपना बहुमत हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं ।
त्रिपुरा चुनाव 2023 में बीजेपी 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी बाकी पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है। टिपरा मोथा अकेले जा रही हैं और उन्होंने त्रिपुरा की 60 में से 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं । लगभग 20 आदिवासी बहुल सीटें हैं, और ये पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता की कुंजी हैं।
सीपीआई (एम) 43 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके वाम मोर्चा सहयोगी फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी और सीपीआई ने एक-एक सीट पर उम्मीदवार खड़े किया हैं। कांग्रेस 13 सीटों पर, तृणमूल कांग्रेस 28 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि 58 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह त्रिकोणीय चुनाव होगा, जिसमें राज्य में वाम-कांग्रेस गठबंधन फिर से उभर रहा है और नवागंतुक टिपरा मोथा को आदिवासी क्षेत्रों में व्यापक समर्थन मिल रहा है।
टीआईपीआरए मोथा ने अपने घोषणा पत्र में ‘ग्रेटर टिप्रालैंड’ बनाने का वादा किया है। पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा की अध्यक्षता वाली यह पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने चुनाव के बाद गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया है।
2018 में हुए विधानसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी 36 सीटों के साथ सत्ता में आई थी, जिनमें से आधी आदिवासी इलाकों से जीती थीं। बीजेपी ने 2018 में सीपीआई (एम) के 42.22 प्रतिशत वोट और कांग्रेस के 2 प्रतिशत की तुलना में 43.59 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था।
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