मुंबई, 25 अक्टूबर | अभिनेता शाहिद कपूर का कहना है कि थिएटर एक अच्छा मंच है, लेकिन मैं स्टेज के लिए उपयुक्त नहीं। दिग्गज अभिनेता पकंज कपूर और अभिनेत्री नीलिमा अजीम के बेटे शाहिद कपूर ने 2003 में आई फिल्म ‘इश्क विश्क’ से बॉलीवुड में अपने अभिनय की शुरुआत की। अपनी फिल्मों से सफलता का स्वाद चखने वाले शाहिद ने अपने करियर के बुरे दौर को भी देखा है।
उन्होंने कहा कि उन्हें अच्छा लगता है कि उनके पिता ने अभी भी नाटकों में काम करना जारी रखा है और वह युवा पीढ़ी को रंगकर्म सिखाना चाहते हैं।
जीओ मामी 18वें मुंबई फिल्मोत्सव में रविवार को शाहिद ने कहा, “थिएटर एक अच्छा मंच है। मैं अपने पिता से इसे सिखाने के लिए कहता हूं, क्योंकि हमारी पीढ़ी को थिएटर का अनुभव नहीं होता। मैं बहुत युवा था, जब मैंने फिल्में करनी शुरू की थी। उस वक्त मैं कैमरे के सामने अपने परफॉर्मेस पर ध्यान केंद्रित करना चाहता था और इसी वजह से मैं थिएटर को समय नहीं दे पाता।”
उन्होंने कहा, “मेरे पिता कहते हैं कि थिएटर अभिनेता का माध्यम है। एक अभिनेता के लिए परफॉर्मेस का सच्चा अनुभव जीवंत दर्शकों के सामने है। यदि मुझे यह मौका मिलता है तो मैं जरूर करूंगा। लेकिन मेरा मानना है कि मैं स्टेज के लिए उपयुक्त नहीं हूं। मुझे थिएटर देखना पसंद है और मैं थिएटर ग्रुपों का समर्थन भी करता हूं।”
‘हैदर’ में कमाल दिखा चुके अभिनेता ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर भी अपना उत्साह जाहिर किया।
उन्होंने कहा, “मैं खुश हूं कि संजय लीला भंसाली के साथ काम कर रहा हूं। जब मैंने ‘बाजीराव मस्तानी देखी, मैं ट्विटर पर उनसे भीड़ गया था। अभी तक ‘पद्मावती’ की शूटिंग शुरू नहीं हुई है, लेकिन मुझे पता है कि यह अद्भुत होगी।”
शाहिद ने कहा, “यह बेतुका लगता है जब लोग इसे दो अभिनेताओं वाली फिल्म कहते हैं। इस फिल्म में तीन मुख्य किरदार हैं। यह सब फिल्म को रोमांचक बनाने के तरीके हैं। मैं खुश हूं कि इसमें हम तीनों काम कर रहे हैं।”
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