चीतों

दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को भारत लाया जाएगा

दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों (7 नर, 5 मादा) की पहली खेप को दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी, 2023 को भारत स्थानांतरित किया जाएगा। चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में रखा जाएगा।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने घोषणा की चीता को भारत वापस लाने से देश की प्राकृतिक विरासत को फिर से स्थापित करने में सहायता मिलेगी।

भारतीय वन क्षेत्र में अंतिम चीतों को साल 1947 में दर्ज किया गया था, जहां छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला स्थित साल के जंगलों में तीन चीतों को गोली मार दी गई थी।

भारत में चीतों की संख्या में कमी के मुख्य कारणों में बड़े पैमाने पर वन से जानवरों को पकड़ने, इनाम व खेल के लिए शिकार, शामिल है।

साल 1952 में चीतों को विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिया गया।

भारत सरकार ने नामीबिया के साथ जी2जी परामर्शी बैठकें शुरू कीं। इस पहल के परिणामस्वरूप चीता संरक्षण के लिए 20 जुलाई, 2022 को दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

दक्षिण अफ्रीका से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद वन्य अंतरमहाद्वीपीय स्थानान्तरण के रूप में 17 सितंबर, 2022 को आठ चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया।

अनिवार्य क्वारंटाइन अवधि के बाद इन चीतों को चरणबद्ध तरीके से बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है। सभी आठ अलग-अलग चीते प्राकृतिक व्यवहार, शरीर की स्थिति, गतिविधि पैटर्न और समग्र फिटनेस के मामले में अच्छी स्थिति में हैं। सभी चीते अच्छा स्थिति में हैं और जंगली जंतुओं का शिकार कर रहे हैं।

भारत में चीता पुनर्वास कार्य योजना के अनुसार कम से कम अगले 5 वर्षों के लिए अफ्रीकी देशों से हर साल 10-12 चीतों का स्थानांतरण करने की जरूरत है। इस संबंध में चीता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार दक्षिण अफ्रीका के साथ साल 2021 से द्विपक्षीय वार्ता कर रही थी। यह वार्ता जनवरी, 2023 में दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

इस समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के तहत 18 फरवरी, 2023 को 12 चीतों (7 नर, 5 मादा) की पहली खेप को दक्षिण अफ्रीका से भारत स्थानांतरित किया जाएगा।

दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को ग्वालियर और उसके बाद हेलीकाप्टरों से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करने का काम भारतीय वायु सेना द्वारा किया जाएगा।

अंतर महाद्वीपीय स्थानांतरण अभ्यास के दौरान चीता विशेषज्ञों, पशु चिकित्सकों और वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल चीतों के साथ जाएगा।