दक्षिण एशियाई खेलों के आखिरी दिन भारत की महिला मुक्केबाजों ने तीनों स्वर्ण पदकों पर कब्जा जमाया

शिलांग, 16 फरवरी (जनसमा)। यहां आयोजित 12वें दक्षिण एशियाई खेलों के आखिरी दिन भारत की महिला मुक्केबाजों ने तीनों स्वर्ण पदकों पर कब्जा जमाया। उन्होंने श्रीलंकाई प्रतिद्वंद्वियों को शानदार तरीके से हराया।

भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरी कोम, एल. सरिता देवी और पूजा रानी ने अपने-अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीते। उल्लेखनीय है कि भारत के पुरुष मुक्केबाजों ने सोमवार को सातों स्वर्ण पदकों पर कब्जा जमाया था।

प्रतिष्ठित मुक्केबाज एमसी मैरी कोम ने मंगलवार की सुबह अपनी श्रीलंकाई प्रतिद्वंद्वी अनुषा दिलरुक्शी को पहले दौर के सीधे मुकाबले में हराकर जीत का माहौल तैयार कर दिया था। मुकाबला शुरू होने के पहले अनुषा ने चुनौती दी थी कि वे पांच बार की भारतीय विश्‍व चैम्पियन को दक्षिण एशियाई खेलों में हराएंगी।

मैरी कोम जब रिंग में उतरीं तो दर्शकों ने चिल्लाकर उनका स्वागत किया। फ्लाईवेट वर्ग के इस मुकाबले के पहले ही दौर में श्रीलंका की खिलाड़ी ने उन पर जोरदार हमला किया। दोनों मुक्केबाज रिंग में गिर पड़े। मैरी कोम, अनुषा के ऊपर गिर पड़ीं और अनुषा को दायें घुटने में चोट लग गई।

श्रीलंका के खिलाड़ी ने साहस बटोरा और मुकाबले के लिए दोबारा तैयार हुईं, लेकिन अगले ही सेकेंड मैरी कोम ने उन्हें सीधा मुक्का मारकर नीचे गिरा दिया।

अनुषा द्वारा दी गई चुनौती संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में ओलम्पिक विजेता मैरी कोम ने कहा, ‘उन्होंने मुकाबले के पहले मुझको चुनौती दी थी। मैं किसी के चुनौती पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं समझती। अपने प्रदर्शन से मैं खुश हूं, मैं सकारात्मक तरीके से सोचती हूं।’

एक साल के बाद वापसी करते हुए एल सरिता देवी ऊर्जा से भरपूर थीं और उन्होंने लाईटवेट वर्ग मुकाबले में अपने श्रीलंकाई विरोधी विदुशिखा प्रबाधी पर मुक्कों की बौछार कर दी थी। बहरहाल, श्रीलंकाई खिलाड़ी दूसरे दौर के लिए तैयार हो गई लेकिन वह सरिता की मुक्कों का मुकाबला नहीं कर सकी। विदुशिखा प्रबाधी ने तीसरे दौर में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन आाखिरकार उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा।

सरिता देवी ने मुकाबले के बाद अपने बुरे समय में देश के लोगों द्वारा दिए गए समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

इसके बाद पूजा रानी ने शुरूआत से ही श्रीलंकाई प्रतिरोधी पर अपना दबदबा बना लिया था। उन्होंने मिडिलवेट वर्ग के मुकाबले में श्रीलंका की खिलाड़ी पर ताबड़तोड़ हमले किए और उसे पराजित करके स्वर्ण पदक हासिल कर लिया।

मुख्यमंत्री मुकुल संगमा, स्वास्थ्य मंत्री ए.एल. हेक, दक्षिण एशियाई खेलों के सीईओ (शिलांग)  आर.के. शर्मा, मेघालय के मुख्य सचिव पीबीओ वर्जरी और अन्य विशिष्टजनों ने विजेताओं को पदक प्रदान किए।