दलहन के दाम में गिरावट के दूर तक आसार नहीं

नई दिल्ली, 30 जून | उड़द और चना दालों की कीमतों में गिरावट के दूर तक आसार नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि नाकाफी दलहन भंडार और बाधित आपूर्ति के कारण थोक मंडी में कीमतें ऊपर बनी हुई हैं। नई दिल्ली और उत्तर भारत की प्रमुख थोक मंडियों में गुरुवार को उड़द और उड़द चिलका दाल की कीमतों में प्रति क्विंटल करीब 100 रुपये वृद्धि दर्ज की गई।

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक उड़द मूल्य बढ़कर प्रति क्विंटल 10,800 रुपये से 12,300 रुपये के बीच दर्ज किया गया।

सूत्र के मुताबिक, पिछले सप्ताह दलहन कीमतों में कुछ गिरावट दर्ज की गई थी।

चना और काबुली चना की कीमतें भी औसत 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी पाई गई।

खुदरा बाजार में दालों की कीमत 190-200 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रही।

राष्ट्रीय राजधानी में चना का थोक मूल्य 200 रुपये बढ़कर 7,600 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।

मसूर दाल (छोटी) की कीमत करीब 6,350 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर दाल लोकल की कीमत करीब 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रही।

इस दौरान मक्का की कीमत प्रति क्विं टल करीब 50 रुपये घट गई।

सूत्रों के मुताबिक, नई दिल्ली तथा उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में मक्के की थोक कीमत 50 रुपये घटकर 1,675 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई।

केंद्र सरकार ने मोजांबिक सरकार से अगले पांच साल तक तूर (अरहर) दाल की आपूर्ति करने पर विचार करने का आग्रह किया है।

सूत्र के मुताबिक, इसके लिए सरकार ने मोजांबिक को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा उसके अतिरिक्त ढुलाई तथा परिवहन खर्च अदा करने की पेशकश की है।

तून दाल का एमएसपी प्रति क्विंटल 5,050 रुपये तय किया गया है।

मोजांबिक सालाना आधार पर करीब 70 हजार टन दाल का उत्पादन करता है।

सरकार म्यांमार से भी तूर दाल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बात कर रही है।