नई दिल्ली, 19 जून | पिछले कुछ महीने में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली तथा उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में जमाखोरों से करीब 1.3 लाख टन दाल जब्त की गई है। आधिकारिक सूत्रों ने यहां रविवार को यह बात कही।
दालों की बढ़ती कीमत को रोकने के लिए जमाखोरों पर कार्रवाई की गई।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, “जमाखोरी एक कड़वी सच्चाई है और उत्तर भारत के कई हिस्सों से इसकी सूचना मिल रही है, जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा शामिल है। अब गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में समुचित कार्रवाई की गई है।”
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा था कि गत वर्ष जमाखोरों के विरुद्ध कार्रवाई करने से खुदरा बाजार में दालों की कीमत में 50 रुपये तक की कमी लाने में मदद मिली थी।
सूत्रों के मुताबिक, इस साल राजस्व आसूचना निदेशालय, आयकर विभाग और स्थानीय पुलिस ने संदिग्ध जमाखोरों पर छापे मारे हैं।
जेटली ने कहा कि मांग की तुलना में आपूर्ति करीब 50 लाख टन कम रहने की वजह से दालों की कीमत बढ़ रही है और इससे निपटना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
खाद्य मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, “देश में दालों की औसत आपूर्ति 1.7 करोड़ टन है, जबकि मांग करीब 2.4 करोड़ टन है। भारत दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन सबसे बड़ा उपभोक्ता और आयातक भी है।”
मंत्रालय के मुताबिक गत वित्त वर्ष में करीब 55 लाख टन दालों का आयात किया गया था।
सूत्र ने कहा कि इस साल भी सरकार म्यांमार, मोजाम्बिक तथा अन्य देशों से दाल आयात करने पर विचार कर रही है।
सरकार ने 16 जून को फैसला किया है कि दाल का बफर स्टॉक 1.5 लाख टन से बढ़ाकर आठ लाख टन किया जाएगा।
–आईएएनएस
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