मुंबई, 19 जुलाई| बॉलीवुड की दिग्गज पार्श्वगायिका और गजल सम्राज्ञी मुबारक बेगम शेख का सोमवार देर रात अपने घर पर निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं। मुबारक बेगम नाम से लोकप्रिय गायिका का जन्म राजस्थान में हुआ था। उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रही थीं।
उनके परिवार में उनका बेटा हुसैन, बहू जरीना और पोती सना हैं, जिनके साथ मुबारक बेगम कई साल से रह रहीं थीं।
मुबारक बेगम की बहू जरीना शेख ने मंगलवार को बताया, “उन्होंने सोमवार रात करीब 10 बजे जोगेश्वरी के घर में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रही थीं और इस कारण अक्सर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाता था।”
उन्हें मंगलवार सुबह मुंबई के ओशिवारा कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया।
सुजानगढ़ में जन्मी मुबारक बेगम को हिंदी और उर्दू भाषा में दक्षता हासिल थी। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के संगीत कार्यक्रम के जरिए अपने करियर की शुरुआत की थी।
मुबारक बेगम 70 साल पहले मुंबई आई थीं और उन्होंने 1949 में आई फिल्म ‘आईये’ में पहला गीत गाया था।
इस फिल्म से उनके करियर की शुरुआत हुई। अपने चार दशक के करियर में उन्होंने 110 फिल्मों में अवाज दी। इसके अलावा वह नियमित रूप से मंच प्रस्तुति और संगीत कंसर्ट में प्रस्तुति देती रहती थीं।
मुबारक बेगम के लोकप्रिय गीतों में ‘कभी तन्हाइयों में हमारी याद आएगी (हमारी याद आएगी-1961)’, ‘मुझको अपने गले लगा लो ए मेरे हमराही (हमराही-1963)’, ‘नींद उड़ जाये तेरी चैन से सोने वाले (जुआरी-1968)’, ‘वो न आएगी पलट के (देवदास-1955)’, ‘वादा हमसे किया, दिल किसी को दिया (सरस्वतीचंद्र-1968)’ शामिल हैं।
बाद के समय में मुबारक बेगम वित्तीय परेशानियों से भी घिरी रहीं। उनके परिवार को उनके इलाज के खर्चे के लिए आर्थिक मदद के लिए अपील भी करनी पड़ी थी।
जरूरत के इस समय में भारत रत्न से सम्मानित दिग्गज पार्श्वगायिका लता मंगेशकर और बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान ने उनकी मदद की। हाल ही में शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने उनके अस्पताल का सारा खर्च भरने को मंजूरी दी थी।फोटो साभार : मुबारक बेगम इंटरव्यू (यूट्यूब)
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