दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का 98 वर्ष की आयु में मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में निधन हो गया है।
यह जानकारी अभिनेता का इलाज करने वाले पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ जलील पारकर ने दी एक समाचार एजेंसी को है।
दिलीप कुमार का जन्म ११ दिसंबर १९२२ को किस्सा ख्वानी बाजार, पेशावर में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है।
उनका वास्तविक नाम मोहम्मद युसूफ खान है।
दिलीप कुमार को पहले 6 जून को अस्पताल ले जाया गया था और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।
मोहम्मद यूसुफ खान जिन्हें पेशेवर रूप से दिलीप कुमार के नाम से जाना जाता है, दिग्गज भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्माता और परोपकारी व्यक्ति रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन में जूनियर कलाकारों और फिल्त तनीशियनों की बहुत मदद की ।
दिलीप कुमार को हिंदी सिनेमा में उनके बेहतरीन काम के लिए जाना जाता है। उन्हें हिन्दी सिनेमा में एक अलग तरह की अभिनय तकनीक लाने का श्रेय दिया गया है।
उनकी वर्तमान बेगम एक जमाने की टाप हिरोइन सायरा बानो है।
उन्होंने अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्रियों मीना कुमारी, मधुबाला, वैजयंतिमाला जैसी अभिनेत्रियों के साथ यादगार काम किया था। 1950 के दशक के उत्तरार्ध में वैजयंतीमाला के साथ भी उनका नाम जोड़ा गया था।
दिलीप कुमार का अपने जमाने की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री मधुबाला के साथ एक लंबा रिश्ता रहा था लेकिन उन्होंने कभी उनसे शादी नहीं की। उन्होंने 1966 में अभिनेत्री सायरा बानो से शादी की।
वह मुंबई के एक उपनगर बांद्रा में अपनी पत्नी के साथ रहते थे।
दिलीप कुमार पिछले कुछ वर्षों से किडनी की बीमारी से लेकर निमोनिया तक की बीमारियों से जूझ रहे थे।
दिलीप कुमार की पहली फिल्म 1944 में आई ज्वार भाटा थी, जो उन्हें अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री देविका रानी ने दिलवाई थी।
इसके बाद1947 में फिल्म जुगनू आई थी, जिसमें उन्होंने नूरजहाँ के साथ अभिनय किया था और वह फिल्म उनकी पहली बड़ी हिट बन गई। उनकी अगली प्रमुख हिट 1948 की फ़िल्में शहीद और मेला भी थीं।
दिलीप कुमार की भारतीय सिनेमा की कुछ सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक फ़िल्में हैं — नया दौर, पैग़ाम, मुगल-ए-आज़म, देवदास, राम और श्याम, अंदाज़, मधुमती और गंगा जमुना ।
उन्होंने 80 के दशक से क्रांति, शक्ति,कर्मा और सौदागर जैसी फिल्मों में चरित्र भूमिकाएं निभाईं। 1998 की किला उनकी आखिरी फिल्म थी।
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