दिल्ली एनसीआर बाढ़ का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में मौसम संबंधी अधिक बारिश की भविष्यवाणी सच हुई तो स्थिति और खराब हो सकती है।
नई दिल्ली, 15 जुलाई । केंद्रीय जल आयोग के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार, शनिवार सुबह 7 बजे तक यमुना का जल स्तर (Yamuna water level) घटकर 207.62 मीटर हो गया, जो गुरुवार रात 8 बजे 208.66 मीटर था।
दिल्ली एनसीआर और ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में मौसम संबंधी अधिक बारिश की भविष्यवाणी सच हुई तो स्थिति और खराब हो सकती है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आश्वासन दिया है कि शहर के लोगों को अगले कुछ घंटों में राहत मिलने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा, हालांकि बाढ़ का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री, आतिशी ने कहा है कि यमुना नदी का पानी घट रहा है और अगले 12 घंटे में दिल्लीवासियों को रहत मिलेगी।
उन्होंने सवाल किया है कि हथिनीकुंड बैराज से सारा पानी सिर्फ दिल्ली के लिए ही क्यों छोड़ा जा रहा है। वहां से यूपी और हरियाणा जाने वाली नहरों में एक बूंद भी पानी नहीं छोड़ा गया। इसका जवाब हरियाणा को देना होगा। क्या दिल्ली में बाढ़ की स्थिति को टाला जा सकता था?
अवैध कब्जे
हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा, “हमारे पास कोई बांध नहीं है, जो पानी आता है वह दिल्ली, आगरा, इलाहाबाद तक बहता है और फिर समुद्र में चला जाता है…आम आदमी पार्टी अपने कर्तव्यों से बचने की कोशिश करती है… जल प्रवाह पहले भी बढ़ा था, लेकिन पहले भी यमुना बेसिन चौड़ा था, अब यमुना के किनारे अवैध कब्जे और निर्माण हो गए हैं, जिससे इसका जल स्तर सिकुड़ गया है और जलस्तर बढ़ गया है… दिल्ली के डूबने का मूल कारण अवैध कब्जे हैं ।”
दवा भ्रामक
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सलाहकार सेवानिवृत्त आईएएस देवेन्द्र सिंह ने इस दावे को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया।
पिछले दो दिनों में हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से प्रवाह दर कम होने के साथ, और गिरावट की उम्मीद है।