दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि केंद्र से आवंटित पूरी ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है, जो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का बहुत बड़ा कारण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को अब 490 टन ऑक्सीजन आवंटित कर दिया है, लेकिन आवंटित पूरी ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है, जो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का बहुत बड़ा कारण है।
ऑक्सीजन के सही प्रबंधन के लिए मैन्युफैक्चरर्स, अस्पतालों और उपयोग कर्ताओं को दिल्ली सरकार के पोर्टल पर हर दो घंटे में अपनी ऑक्सीजन की स्थिति बताने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार की टीमें मिल कर काम कर रही हैं और कोशिश की जा रही है कि सप्लाई में आने वाली दिक्कतों को दूर किया जा सके। मैं उम्मीद करता हूं कि इतनी बड़ी इमरजेंसी से हम लोगों को जल्द छुटकारा मिलेगा।
केजरीवाल ने रविवार 25 अप्रैल, 2021 को डिजिटल प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा कि कोरोना का कहर जारी है। अब लाॅकडाउन अगले सोमवार , 3 मई को सुबह 5ः00 बजे तक प्रभावी रहेगा।
*कोरोना की संक्रमण दर 36-37 फीसद से घट कर 30 फीसद से नीचे आ गई है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि कोरोना खत्म होने की दिशा में जा रहा- अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमने देखा कि कोरोना का संक्रमण दर लगभग 36 से 37 फीसद तक पहुंच गई। आज तक इतनी संक्रमण दर हमने दिल्ली में तो नहीं देखी, बाकी दुनिया भर में हो सकता है कि कहीं पर हुई हो। पिछले एक-दो दिन से संक्रमण दर थोड़ी सी कम हुई है। आज संक्रमण दर 30 के नीचे आई है। आज लगभग 29 पॉइंट कुछ आई है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की काफी कमी महसूस हो रही है। दिल्ली की इस वक्त जरूरत 700 टन की है और हमें केंद्र सरकार से 480 टन ऑक्सीजन आवंटित हुई है। केंद्र सरकार ने कल 10 टन ऑक्सीजन आवंटित किया है और अब दिल्ली को 490 टन ऑक्सीजन आवंटित हुई है, लेकिन केंद्र सरकार से आवंटित की गई पूरी ऑक्सीजन भी अभी दिल्ली में नहीं आ रही है। इस वजह से भी ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है।
कल 330 से 335 टन ऑक्सीजन ही दिल्ली पहुंची है। कोरोना की महामारी में दिल्ली को 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, उसके मुकाबले में 330 से 335 टन ऑक्सीजन ही पहुंच रही है।
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