नई दिल्ली, 12 मार्च (जनसमा)। दिल्ली में दक्षिण एशिया क्षेत्रीय प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता केंद्र की स्थापना की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की महानिदेशक सुश्री क्रिस्टीन लेगार्द ने आज राष्ट्रीय राजधानी में क्षमता विकास केंद्र की स्थापना करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर सुश्री क्रिस्टीन लेगार्द ने कहा “मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री जेटली और भारत सरकार को केंद्र की मेजबानी की पेशकश करने और उसके लिए पर्याप्त वित्तीय प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता को पूरी तरह एकीकृत करने वाला यह पहला केंद्र होने के साथ-साथ हमारे भविष्य के क्षमता विकास कार्य के लिए एक मॉडल भी होगा। मैं भारत और आईएमएफ के साथ शामिल होने वाले अन्य सदस्य देशों और एक रोमांचक पहल बनाने में ऑस्ट्रेलिया और कोरिया गणराज्य जैसे भागीदारों की प्रशंसा करना चाहती हूं। “
दक्षिण एशिया क्षेत्रीय प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता केंद्र (एसएआरटीटीएसी) का इस क्षेत्र में व्यापक आर्थिक और वित्तीय प्रबंधन, मौद्रिक परिचालनों, वित्तीय क्षेत्र विनियमन और पर्यवेक्षण और व्यापक आर्थिक आंकड़े जैसे व्यापक क्षेत्रों में योजना, समन्वय और आईएमएफ की क्षमता विकास गतिविधियों को लागू करने के लिए एक केंद्रबिन्दु बनने की उम्मीद है। यह केंद्र मौजूदा प्रशिक्षण जरूरतों और भारत, बांग्लादेश मालदीव, भूटान, नेपाल, श्रीलंका में आईएमएफ प्रशिक्षण की मांग को पूरा करने के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों के अनुरूप इस क्षेत्र में भी प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा।
इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (एमओयू) होने से नई दिल्ली में एक पूरी तरह एकीकृत क्षमता विकास केंद्र की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है और यह तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण के लिए आर्थिक स्थिरता और समग्र विकास के एक वाहक के रूप में उपयोग करने के लिए आईएमएफ और इसके सदस्यों के मध्य साझा प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है ।
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