दिल्ली में हड़ताली नर्सो के खिलाफ एस्मा

नई दिल्ली, 2 सितम्बर | दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने शुक्रवार को शहर के सरकारी अस्पतालों में हड़ताली नर्सों के आंदोलन को पूरी तरह से अवैध बताते हुए उनके खिलाफ आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया। एस्मा के तहत पुलिस किसी को भी अधिनियम के प्रावधानों को उल्लंघन करने पर बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों सहित कई दूसरे अस्पतालों की करीब 20,000 नर्से शुक्रवार को वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चली गईं।

अखिल भारतीय सरकारी नर्स महासंघ (एआईजीएनएफ) के अनुसार, मुख्य मांगों में स्टॉफ नर्सो के शुरुआती वेतनमान को मौजूदा 4,600 से बढ़ाकर 5,400 करने और नर्सिग भत्ते को बढ़ाकर 7,800 करने की मांग शामिल है।

सभी नर्सो को जोखिम और रात्रि ड्यूटी भत्ते दिए जाने की भी मांग भी इसमें शामिल है।

एआईजीएनएफ के प्रवक्ता लीलाधर रामचंदानी ने आईएएनएस से कहा, “हमें कोई दिक्कत नहीं है यदि हम सब गिरफ्तार हो जाते हैं। यदि सरकार हमारी मांगों की अनदेखी करती है तो हम काम पर लौटने नहीं जा रहे हैं। सरकार की बात मानकर हमने कई बार अपनी हड़ताल टाल दी। लेकिन इस बार नहीं।”

इससे पहले दिन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने नर्सो की सभी मांगें पहले भी पूरा किया है और आगे भी मांगों पर विचार किया जा सकता है।

हालांकि, नर्स महासंघ ने कहा कि इस मुद्दे पर मंत्रालय से उनसे किसी तरह की सीधी बातचीत नहीं हुई।

नर्सो की शुक्रवार सुबह से शुरू हुई हड़ताल की वजह से कई नियमित ऑपरेशनों को रद्द करना पड़ा और ओपीडी समय में कटौती की गई। इससे आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित रहीं।

–आईएएनएस