नई दिल्ली, 07 नवंबर। दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बहुत ही खतरनाक हो गई है कई इलाके प्रदूषण के गंभीर श्रेणी में पहुँच गए हैं। एक्यूआई का स्तर लगभग 500-550 के बीच पहुंच गया है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, यूपी में पराली जलने के मामले बढ़ने से वायु स्तर खतरनाक स्थिति की तरफ बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में परस्थितियों को देखने के बाद यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण को लेकर इमरजेंसी हालात जिस तरह से बन रहे हैं, इसको देखते हुए दिल्ली के अंदर पूरी तरह से पटाखों पर बैन लगा दिया गया है।
अब दिल्ली के अंदर 7 नवंबर से 30 नवंबर तक ग्रीन पटाखों की भी बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी गई है।
इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दिया है। सरकार ने दिल्ली पुलिस और डिविजनल कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि दिल्ली के अंदर पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लागू करने के लिए अपना तंत्र तैयार करें और अनुपालन सुनिश्चित कराएं।
सचिवालय में 9 नवंबर को दोपहर 12 बजे पर्यावरण विभाग, डिविजनल कमिश्नर और दिल्ली पुलिस के अधिकारी बैठक करके सरकार के आदेश का शत प्रतिशत पालन कराने के लिए एसओपी तैयार करेंगे, ताकि दिल्ली के लोगों को इस बढ़ते प्रदूषण के खतरे से बचाया जा सके।
दिल्ली में हवा के प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार सारे मोर्चों पर काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी।
दिल्ली सरकार ने पराली पर बाॅयो डीकंपोजर केमिकल छिड़काव के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए 15 सदस्यीय पूसा बाॅयो डीकंपोजर इंपैक्ट कमेटी गठित की है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि कमेटी में 5 विधायकों को भी शामिल किया गया है, जो अधिकारियों और पूसा के वैज्ञानिकों साथ प्रभावों का आंकलन करेंगे और दिल्ली सरकार दीपावली बाद आंकलन रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे।
राय ने केंद्र सरकार के गठित नए आयोग से अपेक्षा की है कि आयोग सभी राज्यों में टीम बना कर राज्य सरकार की तरफ से बाॅयो डीकंपोजर केमिकल का छिड़काव कराना सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने बताया कि ग्रीन दिल्ली एप पर अब तक आईं करीब 2300 शिकायतें में से 1346 निस्तारित हो चुकी हैं, सबसे अधिक शिकायतें नार्थ एमसीडी के क्षेत्र से आई हैं।
दिल्ली सरकार की 14 स्क्वाॅयड टीमें सोमवार से ग्रीन एप पर आई शिकायतों के निस्तारण की हकीकत जानने के लिए जमीन पर उतरेंगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी कर दी है।
दिल्ली पुलिस, संभागीय आयुक्त और पर्यावरण विभाग इस पर एसओपी बनाने के लिए सोमवार को बैठक करेंगे।
बाॅयो डीकंपोजर का छिड़काव
दिल्ली में हवा प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से पिछले एक महीने से प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत दिल्ली में प्रदूषण पैदा करने वाले सभी स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार अलग-अलग मोर्चों पर काम कर रही है।
दिल्ली के अंदर पराली बहुत कम जलती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन और कोरोना की वजह से मजदूरों के घर जाने से मशीन से फसल की काफी कटाई की गई।
राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र (पूसा) के साथ मिलकर दिल्ली सरकार ने पराली को जलाने की बजाय गलाने के लिए दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में बायो डीकंपोजर का निःशुल्क छिड़काव किया है।
दिल्ली के लगभग 2000 एकड़ क्षेत्र में गैर बासमती धान की उपज होती है, उसमें से अब तक 1800 एकड़ खेतों में बाॅयो डीकंपोजर का छिड़काव हो चुका है।
नजफगढ़ क्षेत्र में कुछ जगहों पर पानी लगने से धान की कटाई देर से हुई है। अगले 3 से 4 दिनों में हम 2000 एकड़ जमीन पर छिड़काव के लक्ष्य को पूरा कर लेंगे।
बाॅयो डीकंपोजर को लेकर लोगों के मन में दो-तीन प्रश्न थे। पहला जो सबसे बड़ा प्रश्न था कि इसमें समय कितना लगेगा और क्या बाॅयो डीकंपोजर का प्रयोग करने के बाद अगली फसल की बुवाई समय से हो सकती है।
लगभग 90 से 95 फीसदी पराली गल कर खाद में तब्दील हो चुकी है। दिल्ली के अंदर किसानों को मशीन खरीदने के लिए 2 करोड रुपए का बजट दिया है। इसमें से 50 फीसदी किसानों को भी अपना पैसा लगाना है। करेंगे।
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