नई दिल्ली, 20 मई | इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के एक शीर्ष आतंकवादी अब्दुल वाहिद सिद्दीबापा को शुक्रवार को विमान से यहां पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी को बहुत सुविचारित आपरेशन का अंजाम बताया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से अब्दुल वाहिद सिद्दीबापा (32) को सुबह हिरासत में ले लिया। उसे आतंकी संगठन के वित्तीय मामलों का सरगना बताया जा रहा है।
बाद में एक अदालत ने उसे एक हफ्ते के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
फाइल फोटो आतंकवादी
एनआईए अधिकारियों ने सिद्दीबापा को दुबई से निर्वासित किए जाने की खबरों को खारिज किया है। वह आईएम के सह संस्थापक यासीन भटकल का रिश्तेदार है।
एनआईए के महानिरीक्षक एस. के. सिंह ने आईएएनएस को बताया, “यह बहुत सावधानीपूर्वक अंजाम दिया गया अभियान था। यह स्पष्ट किया जाता है कि वाहिद को न तो निर्वासित किया गया और न ही प्रत्यर्पित किया गया है। ” लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया कि सिद्दीबापा विमान से कहां से दिल्ली आया है।
एनआईए अधिकारियों ने बताया कि परफ्यूम का यह पूर्व कारोबारी संयुक्त अरब अमीरात में रहता था, जहां से पहले कई ऐसे अपराधियों को निर्वासित किया जा चुका है जिनकी भारतीय अधिकारियों को तलाश थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश पंडित ने सिद्दीबापा को सात दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
कर्नाटक के भटकल में मकदूम कॉलोनी का निवासी सिद्दीबापा, भारत में कई स्थानों पर आतंकवादी हमलों की साजिश में वांछित है।
दुबई से सिद्दीबापा कथित रूप में भारतीय युवाओं की इंडियन मुजाहिद्दीन में भर्ती करता था और उनकी गतिविधियों को धन मुहैया कराता था।
एनआईए ने अदालत को बताया कि सिद्दीबापा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से इंडियन मुजाहीदीन के लोगों के संपर्क में रहता था।
एनआईए के सूत्र ने बताया, “वह आईएम के सदस्यों को योजना बनाने, तैयारी करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में रणनीतिक, सामग्री संबंधी और वित्तीय मदद करता था। ”
इसके अलावा वह इंडियन मुजाहिदीन के लिए वित्त जुटाने का काम भी करता था। सूत्र ने बताया, “वह समूह का सबसे पुराना और सबसे वरिष्ठ सदस्य है।”
लेकिन, सिद्दीबापा के वकील ने एनआईए की दलील का विरोध करते हुए कहा कि उसका नाम किसी सूची में नहीं है, जिसमें वांछित अपराधियों की सूची भी शामिल है।
दिसंबर 2013 में सिद्दीबापा के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया था।
सिद्दीबापा के खिलाफ गिरफ्तारी का वारेंट और ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ जारी किया गया था।
सिद्दीबापा कथित रूप से जुलाई 2006 के मुंबई सीरियल बम धमाके, 2008 के दिल्ली बम धमाके और बेंगलुरु के 2010 के चिन्नास्वामी स्टेडियम धमाके में शामिल था।
उस पर आरोप है कि वह बैंकिंग माध्यम से और वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के माध्यम से पैसों का लेन-देन करता था।
2008 में इंडियन मुजाहिदीन पर कार्रवाई शुरू होने से पहले ही वह दुबई भाग गया था। उसे संयुक्त अरब अमीरात में जनवरी 2014 में गिरफ्तार किया गया था।
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