नई दिल्ली, 8 जुलाई (जनसमा) । पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री अनिल दवे ने ऊर्जा के क्षेत्र में स्वच्छ और हरित ऊर्जा के लिए तीन सूत्री मंत्र सूर्य, साइकिल और संचय को अपनाने पर जोर दिया है। वे राजधानी में ‘दिल्ली -एनसीआर के लिए स्वच्छ और हरित ऊर्जा – वैकल्पिक समाधान’ पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है और इस दिशा में शोध एवं विकास की जरूरत है। यह ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
मंत्री ने कम दूरी के लिए साइकिल को यातायात का सबसे अच्छा साधन बताया और कहा कि साइकिल को अपनाने से स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे भी हैं। साइकिल को अपनाने का यह भी अतिरिक्त कारण है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा को बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ऊर्जा संचय ही ऊर्जा का उत्पादन है। दवे ने कहा कि ऊर्जा संचय में व्यक्तिगत उदाहरण पेश करने जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में वैसे पर्यावरणविदों तथा वैज्ञानिकों की जरूरत नहीं है जो ऊर्जा संचय करने पर अमल नहीं करते।
पर्यावरण मंत्री ने इस बात का खुलासा किया कि इस दिशा में शोध और विकास में लगे लोगों को ध्यान में रखना चाहिए कि प्रयोगशाला में प्राप्त की गई सफलता और सड़क पर इसके हल को क्रियान्वयन करने में अंतर है। उन्होंने शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे पूरी तरह शोध के काम में डूब जाएं।
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