दिसम्बर तक छत्तीसगढ़ के शहर होंगे खुले में शौच मुक्त

रायपुर, 28 जनवरी। राज्य शासन ने प्रदेश के 32 शहरों को दिसम्बर 2016 तक खुले में शौच मुक्त और 4 शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के शत प्रतिशत क्रियान्वयन करने का लक्ष्य रखा है। नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा प्रदेश के 3 नगर निगमों, पांच नगर पालिका परिषदों और 24 नगर पंचायतों को दिसम्बर 2016 तक खुले में शौच मुक्त और चार नगरीय निकायों अंबिकापुर ,धमतरी ,अकलतरा और माना कैम्प को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के शत प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए चुना गया है।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मिशन प्रारंभ होने से अब तक 60  हजार 505 निजी पक्के शौचालयों का निर्माण हो चुका है और 40  हजार 615 शौचालयों का निर्माण प्रगति  पर है।

उल्लेखनीय है कि दिसम्बर 2016 तक खुले में शौच मुक्त करने के लिए चयनित 3 नगर निगमों में धमतरी, अंबिकापुर और बीरगांव, पांच नगर पालिका परिषदों में अकलतरा, बलोदाबाजार, बलरामपुर, दीपिका, खरसिया और 24 नगर पंचायतों में माना कैम्प, धमधा, पाटन, गुरुर, चिखलाकसा, बोड़्ला, अम्बागढ़ चौकी, बलौदा, खरोरा, छुरा, बिलाईगढ़, कुरूद, घरघोड़ा, किरोड़ीमल नगर, बरमकेला, लखनपुर, सीतापुर, राजपुर, विश्रामपुर, जरही, भटगांव, भानुप्रतापपुर, नरहरपुर, और कोंटा शामिल हैं।

इन 32 नगरीय निकायों को दिसम्बर 2016 तक खुले में शौच मुक्त और चार नगरीय निकायों अंबिकापुर, धमतरी, अकलतरा और माना कैम्प को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के शत प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए चुना गया है।

नगरीय प्रशासन और विकास विभाग द्वारा उपरोक्त सभी नगरीय निकायों को जारी परिपत्र में निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में निजी शौचालय निर्माण का लक्ष्य सौ फीसदी पूर्ण करें। अपवाद की स्थिति में यदि चिन्हांकित घरों में निजी शौचालय के लिए स्थान उपलब्ध न हो या हितग्राही का मकान जल स्रोत जैसे नदी, तालाब, कुआँ, हैण्ड पम्प आदि के नजदीक हो जिससे जल स्रोतों के प्रभावित होने की सम्भावना हो तो ऐसे क्षेत्रों में सुविधा 24 योजना के तहत सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया जाये। इस योजना के लिए सम्बंधित जिले के कलेक्टर सक्षम अधिकारी होंगे।