रायपुर, 21 सितम्बर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शहरी गरीबों के उत्थान के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का संचालन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि नगरीय प्रशासन और विकास विभाग द्वारा सितम्बर 2013 में शुरू की गयी यह योजना प्रदेश के 57 शहरों में संचालित है। जिसमें 13 नगर पालिक निगम और 44 नगर पालिकाएं शामिल हैं।
इस योजना में 05 घटक सामाजिक गतिशीलता एवं संस्थागत विकास, कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार, स्वरोजगार कार्यक्रम, शहरी पथ विक्रेताओं की सहायता और शहरी बेघरों के लिए आश्रय की योजना शामिल हैं। सामाजिक गतिशीलता एवं संस्थागत विकास के तहत अब तक 11 हजार 131 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है जिसमें कुल महिला सदस्यों की संख्या 1 लाख 24 हजार 232 है। इन स्व सहायता समूहों में से 4 हजार 550 स्वयं सहायता समूहों हेतु आवर्ती निधि जारी दी गयी है और 17 मिशन शहरों में आजीविका केन्द्र का प्रारंभ हो चुका है जहाँ नागरिक को सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएँगी। साथ ही 35 क्षेत्र स्तरीय महिला संघों का गठन एवं पंजीकरण पूर्ण किया जा चुका है।
कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार के तहत अब तक 25 हजार 240 हितग्राहियों का विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है और 2211 हितग्राही प्रशिक्षणरत् हैं। साथ ही 2 हजार 170 हितग्राहियों को कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार भी प्राप्त हुआ है । स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत अब तक 4719 हितग्रहियों को व्यक्तिगत ऋण घटक अंतर्गत कुल 36 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है । इसके अलावा 130 समूहों को समूह ऋण प्रकरण अंतर्गत 3 करोड़ रुपए और 639 महिला स्वयं सहायता समूहों को बैंक लिंकेज ऋण प्रकरण अंतर्गत 4 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है । आगामी 3 वर्षों में 20 हजार हितग्राहियों को स्वरोजगार हेतु ऋण और 12 हजार महिला समूहों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देने का लक्ष्य है।
शहरी पथ विक्रेताओं की सहायता योजना के तहत सभी 28 मिशन शहरों में पथ विक्रेताओं का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है। राज्य स्तर पर पथ विक्रेताओं को सहायता और मार्गदर्शन हेतु 10 कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं। सर्वे के माध्यम से अब तक 11046 वेंडर्स का चिन्हांकन कर 6137 वेंडर्स को परिचय पत्र वितरित किए जा चुके हैं। साथ ही 464 वेंडर्स का बीमा भी कराया गया है। योजना के तहत अब पथ विक्रेताओं का सर्वेक्षण जी आई एस (भौगोलिक सूचना प्रणाली ) के तहत किया जाएगा। पथ विक्रेताओं को बायोमैट्रिक पहचान पत्र प्रदान किए जायेंगे और जी.आई.एस पद्धति से वेंडिंग जोन, नॉन -वेंडिंग जोन का निर्धारण कर पथ विक्रेताओं के लिए ऋण सहायता उपलब्ध करायी जाएगी साथ ही पथ विक्रेताओं के लिए बाजार विकास की योजना भी बनायीं जा रही है।
शहरी बेघरों के लिए आश्रय योजनाके तहत रायगढ़ शहर में आश्रय स्थल का संचालन आरंभ हो चुका है इसके अलावा 4 आश्रय स्थल का निर्माण कार्य पूर्ण,
6 नवीन आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य प्रगति पर और 5 नवीन आश्रय स्थलों के प्रस्ताव स्वीकृति की प्रक्रिया प्रगति पर है । शासन की योजना है कि अस्पताल, बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन एवं सार्वजनिक स्थानों के निकट सभी मिशन शहरों में सुव्यवस्थित सर्वसुविधा युक्त चौबीसों घंटे संचालित आश्रय स्थल का विकास किया जाएगा ।
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