मोनिका चौहान ====
नई दिल्ली, 18 अप्रैल | रियो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर के पिता को अपनी बेटी की इस ऐतिहासिक सफलता पर गर्व है। दीपा के पिता का कहना है कि जिस दिन उनकी बेटी ओलम्पिक में देश के लिए पदक जीतेगी, वह उनके जीवन का बहुत बड़ा दिन होगा।
दीपा ने सोमवार को ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करते हुए इतिहास रच दिया। वह ओलम्पिक में हिस्सा लेने की योग्यता हासिल करने वाली देश की पहली महिला जिमनास्ट बन गई हैं। यही नहीं, बीते 52 साल में दीपा के रूप में भारत को ओलम्पिक में पहला प्रतिनिधित्व मिला है।
इम्फाल स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में भारोत्तोलन कोच दुलाल करमाकर ने आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें सोमवार को ही दीपा के ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने की खबर मिली। वह इस खबर से बहुत खुश हैं।
दुलाल ने कहा, “मुझे सोमवार को दीपा के क्वालीफाई करने की खबर मिली। मुझे इसकी बेहद खुशी है। मुझे अपनी बेटी पर गर्व है। मुझे उस दिन और अधिक खुशी होगी, जब वह ओलम्पिक में देश के लिए पदक जीतेगी।’
ऐसा कहा जाता है कि दीपा बचपन में जिमनास्टिक में जाने की इच्छुक नहीं थीं। इस बारे में जब दुलाल से पूछा गया, तो उन्होंने बताया, “मेरी दो बेटियां हैं। मैं किसी को खेल में डालना चाहता था। इसलिए मैंने दीपा को जिमनास्टिक में हिस्सा लेने के प्रति प्रेरित किया।”
अगरतला निवासी दीपा ने रियो डी जेनेरियो में जारी अंतिम चरण के क्वालीफाईंग व टेस्ट इवेंट में शानदार प्रदर्शन कर इतिहास कायम किया। एशियाई कांस्य पदक विजेता दीपा ने आर्टिस्टिक जिमनास्टिक में ओलम्पिक का टिकट हासिल किया है।
विश्व जिमनास्टिक महासंघ-एफआईजी की वेबसाइट के मुताबिक दीपा ने टेस्ट इवेंट में कुल 52.698 अंक हासिल किए। 22 साल की दीपा ने रविवार को अनइवन बार्स में खराब प्रदर्शन किया था लेकिन बीम तथा फ्लोर एक्सरसाइज में उनका प्रदर्शन इस काबिल रहा कि वह ओलम्पिक टिकट हासिल कर सकीं।
दीपा को रियो ओलम्पिक में अच्छे प्रदर्शन के लिए सुझाव को लेकर पूछे जाने पर दुलाल ने कहा, “उसकी एक अच्छी बात यह है कि वह जो ठान लेती है, उसे हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा देती है। उसके लिए सुझाव यही है कि वह पूरे संयम और निष्ठा के साथ अपना अभ्यास करे।”
रोचक बात यह है कि रियो में जारी टेस्ट इवेंट के लिए भारत की ओर से दीपा को रिजर्व लिस्ट में रखा गया था। बीते महीने ही दीपा को बताया गया कि वह भारत की मुख्य टीम में शामिल कर ली गई हैं।
अपने चयन को साबित करते हुए दीपा ने वॉल्ट में भी मौका हासिल किया। इस इवेंट में दीपा ने 2015 के एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य जीता था। साथ ही 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में भी दीपा ने इस इवेंट में कांस्य जीता था।
दीपा न सिर्फ ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय हैं बल्कि वह 52 साल के बाद ओलम्पिक का टिकट हासिल करने वाली पहली भारतीय जिमनास्ट हैं।
भारत को अंतिम बार 1964 के टोक्यो ओलम्पिक में जिमनास्टिक में प्रतिनिधित्व मिला था। उस समय कोई क्वालीफिकेशन नियम नहीं थे। इस साल आर्टिस्टिक जिमनास्टिक व्यक्तिगत स्पर्धा में छह भारतीयों ने हिस्सा लिया था।
दीपा की इस सफलता पर खेल मंत्रालय ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें ओलम्पिक टारगेट स्कीम में शामिल किया है। इसके तहत दीपा को प्रशिक्षण के लिए 30 लाख रुपये में मिलेंगे। त्रिपुरा ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष गोपाल चौधरी रॉय ने भी दीपा को इस सफलता पर बधाई दी है।
रॉय ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, “दीपा के घर में खेल का माहौल है। उसके पिता एक कोच हैं और वह अपनी बेटी पर विश्वास करते हैं। हमें भी यकीन है कि दीपा एक दिन देश के लिए पदक जरूर जीतेगी और वह दिन देश तथा त्रिपुरा के लिए बहुत बड़ा दिन होगा। मेरी तरफ से दीपा को बधाई और शुभकामनाएं।”
उल्लेखनीय है कि भारत के लिए अब तक कुल 11 पुरुष जिमनास्ट ओलम्पिक में हिस्सा ले चुके हैं। 1952 में दो, 1956 में तीन और 1964 में छह भारतीय शरीक हुए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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