तिरुवनंतपुरम, 8 जुलाई | केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, इंफोसिस के सहसंस्थापक व कोची स्टार्टअप विलेज के मुख्य संरक्षक क्रिस गोपालाकृष्णन व अन्य मिलकर 13 जुलाई को छात्रों के लिए दुनिया के पहले डिजिटल इन्क्यूबेटर की शुरुआत करेंगे। कोच्चि स्टार्टअप विलेज द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि देश को अपने सभी युवाओं के रोजगार प्रदान करने के लिए अगले 20 सालों में हर महीने 10 लाख नई नौकरियों का सृजन करने की जरूरत है। अगर सही परिवेश का सृजन किया जाए तो ज्यादातर नौकरियां नई स्टार्ट अप में ही मिलेंगी।
इसमें कहा गया है कि डिजिटल इन्क्यूबेटर को पिछले 12 महीनों से तैयार किया जा रहा है और इसके बीटा स्टेज के लिए केरल के अलावा गुजरात के वडोदरा और आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से 1,000 छात्रों से ज्यादा के आवेदन प्राप्त हुए हैं।
स्टार्टअप विलेज के अध्यक्ष संजय विजयकुमार ने बताया, “इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप शहर के हो या गांव के। हरेक में सफलता के लिए भूख होनी चाहिए। और हमें आपका इंतजार है। भारत के भविष्य के निर्माण का हिस्सा बनने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एसवी डॉट को डॉट अप्लाई पर जाएं।”
गोपालाकृष्णन ने कहा कि छात्र, खासकर छोटे और मंझोले शहरों के छात्र सबसे अच्छे शिक्षक और संरक्षक से वंचित रहते हैं जो बेंगलुरू या सिलिकॉन वैली जैसे शहरों में मिलता है। यह इन्क्यूबेटर उनकी इस समस्या का काफी हद तक समाधान करेगा।
छात्र अब अपनी टीम बनाकर डिजिटल इन्क्यूबेटर में आवेदन दे सकते हैं। एक बार चयन हो जाने पर उन्हें किसी विचार को चुनने से लेकर, प्रोटोटाइप तैयार करने तक और शुरुआती उपभोक्ताओं तक उत्पाद या सेवा को पहुंचाने के लिए अगले छह महीने तक मदद दी जाएगी।
अगर उपभोक्ता उनके उत्पाद को पसंद करते हैं तो टीम इन्क्यूबेटर से निकलकर निवेशक तक जा सकती है। या फिर किसी दूसरे की टीम में शामिल हो सकते हैं या किसी दूसरे स्टार्टअप से जुड़ सकते हैं, या फिर उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए जा सकते हैं।
–आईएएनएस
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