कैनबरा, 11 अप्रैल | इंटरनेशनल यूनियन फॉर कनजर्वेशन ऑफ नेचर (आईसीयूएन) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल दुनिया में करीब 3,890 बाघ हैं। यह आंकड़ा 2010 के आंकड़े से 700 ज्यादा है। उस वक्त कुल 3,200 बाघ हो का अनुमान लगाया गया था।
पहली बार पिछले 100 सालों में जंगलों में बाघों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है, जिनकी संख्या शिकार और प्राकृतिक आवास के नुकसान के कारण काफी कम हो चुकी है।
वर्तमान में एशिया में 2,226 बाघ भारत में, 433 बाघ रूसी साइबेरिया में, 371 इंडोनेशिया में, 250 मलेशिया में, 198 नेपाल में, 19 थाइलैड में, 10 बांग्लादेश में, 103 भूटान में तथा 7 से ज्यादा चीन में, 5 से कम वियतनाम में, लाओस में 2 और कंबोडिया में एक भी नहीं है। वहीं, म्यांमार के बाघों के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया के वन्य जीवों की प्रबंधन संस्था द वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (डब्ल्यू डब्ल्यू एफ) के डेरेन ग्रोवर ने इस खबर का स्वागत करते हुए कहा है कि 20वीं शताब्दी में पहली बार ऐसा हुआ है।
उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छी खबर है। पिछले 100 से ज्यादा सालों में पहली बार जंगली बाघों की आबादी के बारे में सकारात्मक बात देखने को मिली है।”
ग्रोवर ने कहा, “पिछले सौ सालों में हमने लगभग 97 फीसदी जंगली बाघों को खो दिया।”
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की पृष्ठभूमि दस्तावेज का कहना है कि यह वृद्धि भारत, रूस, नेपाल और भूटान में किए गए बड़े बदलाव का नतीजा है, जिसे सर्वेक्षण की तकनीक और संरक्षण के गंभीर प्रयासों का नतीजा बताया है। साथ ही उम्मीद जताई है कि साल 2022 तक बाघों की कुल संख्या 6,400 तक हो जाएगी।
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