पुणे, 20 अप्रैल | भारतीय विकास दर पर ‘अंधों में काना राजा’ वाले बयान की आलोचना होने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को इससे पीछे हटते हुए कहा कि देश की विकास दर से सरकार की कठिन मेहनत का पता चलता है। राजन ने कहा, “मौजूदा विकास दर से सरकार और आम आदमी की मेहनत का पता चलता है।” अपने पुराने बयान के लिए उन्होंने दृष्टिहीन लोगों से भी क्षमा मांगी।
राजन ने यहां राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान के 12वें दीक्षांत समारोह में अपने भाषण में कहा, “मैं दृष्टिहीनों से क्षमा मांगता हूं, जिन्हें मेरे बयान से ठेस पहुंची हो। अंधों में काना राजा से मेरा तात्पर्य वैश्विक सुस्ती के बीच हमारी अपनी विकास दर से था।”
राजन के बयान की आलोचना करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा था कि किसी और देश के लिए 7.5 फीसदी विकास दर जश्न मनाने की बात होती।
राजन ने हालांकि कहा कि देश की विकास दर सराहनीय है, लेकिन यह अत्यधिक उत्साह की बात इसलिए नहीं है कि देश में और अधिक विकास दर हासिल करने की संभावना है।
उन्होंने कहा, “भारत दुनिया की सबसे तेज विकास दर वाली अर्थव्यवस्था है। लेकिन केंद्रीय बैंक के गवर्नर के रूप में इसे लेकर मैं अत्यधिक उत्साहित इसलिए नहीं हूं कि देश और अधिक विकास दर की तरफ बढ़ने के लिए तैयार है। मुझे लगता है कि क्षमता के बेहतर इस्तेमाल और कृषि उपज बढ़ने से विकास दर और अधिक रह सकती है।”
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