नई दिल्ली, 30 सितम्बर | भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार स्पेक्ट्रम नीलामी शनिवार से शुरू होगी, जिसमें सात ऑपरेटर कुल सात बैंडों के 2,354.55 मेगाहर्टज स्पेक्ट्रम की बोली लगाएंगे। सरकार ने इसका आरक्षित मूल्य 5.66 लाख करोड़ रुपये (85 अरब डॉलर) तय किया है। इस नीलामी की अर्हता केवल सात कंपनियों ने प्राप्त की है, जिसमें भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, रिलायंस जियो इंफोकॉम, रिलायंस कम्युनिकेशन, आईडिया सेल्यूलर, एयरसेल और टाटा टेलीसविर्सिस शामिल है। इन कंपनियों ने कुल मिलाकर 14,653 करोड़ रुपये की अग्रिम जमानत राशि जमा कराई है।
इस नीलामी के लिए ऑपरेटरों की संभावित बोली का 10 फीसदी अग्रिम जमानत के रूप में जमा करना था। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने इसमें 5.66 लाख करोड़ रुपये का जो अनुमान लगाया है, वह ज्यादा है।
शीर्ष निवेश बैंकर गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि इस नीलामी में कुल सात अरब डॉलर तक की बोली लगेगी, जोकि 2015 की नीलामी में लगी बोली 16 अरब डॉलर से काफी कम है। अब तक स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार को कुल 85 अरब डॉलर की आय हुई है।
इस नीलामी से पहले दूरसंचार सचिव जे. एस. दीपक ने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होगी। उन्होंने कहा, “इस साल हमने प्रक्रिया में बदलाव किया है और नीलामी में जीतने वाले को 30 दिनों के अंदर स्पेक्ट्रम का आवंटन कर दिया जाएगा।”
इस साल भुगतान में देरी पर 9.3 फीसदी का ब्याज लगाया जाएगा, जबकि 2015 में यह 10 फीसदी था।
इस नीलामी के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 6,500 करोड़ रुपये, वोडाफोन ने 2,740 करोड़ रुपये, आईडिया ने 2,000 करोड़ रुपये और एयरटेल ने 1,980 करोड़ रुपये की अग्रिम जमानत राशि जमा कराई है।
गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषण में कहा गया है, “हम उम्मीद करते हैं कि यह नीलामी वोडाफोन और आईडिया के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि 3जी और 4जी सेवाएं केवल नौ और सात सर्किल में ही है। जबकि भारती और जियो का पहले से ही अधिक कवरेज क्षेत्र है। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि भारती और जियो दोनों अतिरिक्त स्पेक्ट्रम खरीदेंगी, ताकि अपने नेटवर्क की क्षमता का विस्तार कर सकें।” –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews