प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 29 जनवरी,2023 को प्रसारित मन की बात की 97वीं कड़ी में कहा कि हमारे देश में अब Ramsar Sites की कुल संख्या 75 हो गयी है, जबकि, 2014 के पहले देश में सिर्फ 26 Ramsar Sites थी। इसके लिए स्थानीय समुदाय बधाई के पात्र हैं, जिन्होनें इस Biodiversity को संजोकर रखा है।
भारत ने अपने wetlands के लिए जो काम किया है, वो जानकर आपको भी बहुत अच्छा लगेगा। कुछ श्रोता सोच रहे होंगे कि wetlands क्या होता है ? Wetland sites यानी वो स्थान जहाँ दलदली मिट्टी जैसी जमीन पर साल-भर पानी जमा रहता है।
आज पूरी दुनिया में Climate-change और Biodiversity के संरक्षण की बहुत चर्चा होती है। इस दिशा में भारत के ठोस प्रयासों के बारे में हम लगातार बात करते रहे हैं।
भारत ने अपने wetlands के लिए जो काम किया है, वो जानकर आपको भी बहुत अच्छा लगेगा। कुछ श्रोता सोच रहे होंगे कि wetlands क्या होता है ? Wetland sites यानी वो स्थान जहाँ दलदली मिट्टी जैसी जमीन पर साल-भर पानी जमा रहता है।
कुछ दिन बाद, 2 फरवरी को ही World Wetlands day है। हमारी धरती के अस्तित्व के लिए Wetlands बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि इन पर, कई सारे पक्षी, जीव-जंतु निर्भर करते हैं।
ये Biodiversity को समृद्ध करने के साथ Flood control और Ground Water Recharge को भी सुनिश्चित करते हैं। आप में से बहुत लोग जानते होंगे Ramsar (रामसर) Sites ऐसे Wetlands होते हैं, जो International Importance के हैं।
Wetlands भले ही किसी देश में हो, लेकिन उन्हें, अनेक मापदंडो को पूरा करना होता है, तब जाकर उन्हें, Ramsar Sites घोषित किया जाता है।
Ramsar Sites में 20,000 या उससे अधिक water birds होने चाहिए। स्थानीय मछली की प्रजातियों का बड़ी संख्या में होना जरुरी है।
ओडिशा की चिलका झील को 40 से अधिक WaterBird Species को आश्रय देने के लिए जाना जाता है। कईबुल-लमजाअ, लोकटक को Swamp Deer का एकमात्र Natural Habitat (हैबिटैट) माना जाता है।
तमिलनाडु के वेड़न्थांगल को 2022 में Ramsar Site घोषित किया गया। यहाँ की Bird Population को संरक्षित करने का पूरा श्रेय आस-पास के किसानों को जाता है।
कश्मीर में पंजाथ नाग समुदाय Annual Fruit Blossom festival के दौरान एक दिन को विशेष तौर पर गाँव के झरने की साफ़–सफाई में लगाता है। World’s Ramsar Sites में अधिकतर Unique Culture Heritage भी हैं।
मणिपुर का लोकटक और पवित्र झील रेणुका से वहाँ की संस्कृतियों का गहरा जुड़ाव रहा है। इसी प्रकार Sambhar का नाता माँ दुर्गा के अवतार शाकम्भरी देवी से भी है।
भारत में Wetlands का ये विस्तार उन लोगों की वजह से संभव हो पा रहा है, जो Ramsar Sites के आसपास रहते हैं। मैं, ऐसे सभी लोगों की बहुत सराहना करता हूँ, ‘मन की बात’ के श्रोताओं की तरफ से उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ।