शिमला, 27 अप्रैल (जनसमा)। केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं उर्वरक राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहिर के साथ बुधवार को सोलन जिला के बद्दी में केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) की आधारशिला रखी। अनंत कुमार ने कहा कि सीआईपीईटी केन्द्र का अगले वर्ष उद्घाटन किया जाएगा तथा कहा कि हिमाचल ने औषधि उद्योग क्षेत्र में देश भर में अच्छा कार्य किया है।
यह संस्थान केन्द्र द्वारा 40.10 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जा रहा है, जबकि हिमाचल सरकार द्वारा इस संस्थान के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के साथ वर्ष2016-17 के बजट में दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वर्तमान में सीआईपीईटी बद्दी तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (बीटीटीआई) के परिसर में अस्थाई तौर पर कार्य कर रहा है। सीआईपीईटी केन्द्र का उद्देश्य प्लास्टिक उद्योग में कार्यरत कर्मियोंके कौशल एवं तकनीकी क्षमता को बढ़ाना है। संस्थान द्वारा शैक्षणिक सत्र 2015-16 से प्लास्टिक प्रौसेसिंग एवं टेस्टिंग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के अतिरिक्त प्लास्टिक प्रोसेसिंग,इंजेक्शन माॅडलिंग इत्यादि में कौशल एवं तकनीकी के स्तरोन्यन के लिए अल्पकालीन कार्यक्रम शुरू किए हैं।
केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार ने सीआईपीईटी की आधारशिला समारोह के दौरान जनसभा को सम्बोधित करते हुए बददी में बल्क ड्रग फार्मा पार्क और फार्मा टेस्टिंग लैब के लिए राष्ट्रीयफार्मासूटीकल शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के सेटेलाईट विस्तार केन्द्र स्थापित करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि बद्दी देशभर में औषधि उत्पादन केन्द्र के रूप में उभरा है और यहां पूरे एशिया की 35 प्रतिशत दवाओं का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि चीन से भारी मात्रा में दवाइयां आ रही है परन्तु इन औषधियों का बेस मेटीरियल भारत में तैयार किया जाता है और अब हिमाचल प्रदेश दवाओं के बेस मेटीरियल के उत्पादन का केन्द्र बनेगा।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान के लिए इस वर्ष 2 जनवरी को प्रथम किस्त के तौर पर 50 लाख रुपये की राशिजारी की है ताकि यहां अधोसंरचना सृजित की जा सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 के बजट में सीआईपीईटी के लिए प्रदेश सरकार ने दो करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है,जिसे पूर्व में जारी की गई धनराशि के उपयोग प्रमाण पत्र प्राप्त होने के उपरांत जारी कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 166 करोड़ रुपये की 17 कौशल विकास परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इस परियोजना के तहत 50 हजार ग्रामीण युवाओं कोतीन वर्ष के दौरान विभिन्न टेªडों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
वीरभद्र ने विश्वास जताया कि सीआईपीईटी के माध्यम से प्लास्टिक इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विभिन्न अल्पकालीन कोर्सों व डिप्लोमा कोर्सों से उत्तीर्ण होने वाले तकनीकी प्रशिक्षित युवाओं को प्लास्टिक उद्योग में रोजगार प्राप्त होगा और वे अपने उद्योग स्थापित करने के लिए भी सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि देश भर में प्लास्टिक उद्योग में रोजगार कीअपार संभावनाएं हैं।
फाईल फोटोः अनंत कुमार।
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