जयपुर, 26 अप्रैल (जनसमा)। राजस्थान के करौली-धौलपुर से सांसद मनोज राजोरिया ने बुधवार को लोकसभा में शून्य काल में बोलते हुए केन्द्र सरकार का ध्यान विभिन्न राज्यों में सूखे की विकट स्थिति के समाधान हेतु आकर्षित किया। डॉ. राजोरिया ने कहा कि देश में 33 करोड लोग सूखे की चपेट मे हैं। केन्द्र सरकार ने इनको तत्काल राहत प्रदान करने हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। किन्तु इसकी विकरालता को देखकर लगता है कि इसके लिए स्थाई समााधान निकालने की आवश्यकता है।
मनोज राजोरिया ने कहा कि गत वर्षो में गलत नीतियों के कारण विज्ञान एवं तकनीकी का सही इस्तेमाल नहीं किया गया। ज्यों ज्यो टेक्नोलोजी बढ़ती गई पानी के सद्उपयोग की जगह इसका दुरूपयोग होता गया। विभिन्न योजनाओं के तहत भू गर्भ के जल का अंधाधुंध दोहन हुआ। प्रकृति के विरूध छेड़ छाड़ करने के कारण उसी का दुष्परिणाम आज हमें भोगना पड रहा है। इस कारण ऎसी परिस्थितियॉ पैदा हो गई हैं कि जनता पीने के पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रही है। सिंचाई के पानी के लिए भी गंभीर परिस्थितियॉ पैदा हो गयी है।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार सदन में इस गंभीर विषय पर चर्चा कर समाधान खेाजे और देश की नदियों को जोडने की बृहद योजना बनाई जाये। उन्होंने कहा कि इस विषय पर सदन में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए कि देश की नदियों को किस प्रकार जोड़ा जाये। जिससे कि बाढ जैसी प्राकृृतिक आपदा से राहत मिले और बाढ़ के पानी को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जा सके।
राजोरिया ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जल स्वाबलम्बन योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सफलतापूर्वक चलाई जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत गॉव के पानी के स्त्रोत से प्राप्त पानी का वहीं संग्रह कर वहीं उपयोग में लिया जा रहा है। यह योजना सफलतापूर्वक चल रही है इस योजना का अघ्ययन कर अन्य राज्यो में इसे लागू किया जा सकता है।
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