टीकाकरण

देश में 8 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों काेे कोरोना की वैक्सीन लगी

कोविड-19 के खिलाफ  टीकाकरण अभियान के 6ठे दिन 21 जनवरी 2021 को सुबह 7 बजे तक 8 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों काेे कोरोना  की वैक्सीन (covid-19 vaccine) लगाई जा चुकी है।

दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण ( immunisation) अभियान 16 जनवरी 2021 को  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।

केंद्रीय स्वास्थ्य  मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, कोविड ​​के खिलाफ टीकाकरण व्यक्तियों को रोग फैलाने से रोकने में समर्थ बना देगा और कुछ समय बाद इस बीमारी को देश से समाप्त कर देगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने आज देश की जनसंख्या के कुछ वर्गों में वैक्सीन के बारे में हिचकिचाहट के उभरते मुद्दों के समाधान के लिए आई ई सी पोस्टरों का अनावरण किया।

बीमारियों के उन्मूलन में टीकाकरण ( immunisation) की भूमिका के बारे में बताते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “पोलियो और चेचक के उन्मूलन को बड़े पैमाने पर टीकाकरण द्वारा संभव बनाया गया था।”

उन्होंने कहा  “एक बार प्रतिरक्षित होने के बाद, न केवल वह व्यक्ति इस बीमारी से लड़ने में सक्षम होता है, बल्कि वह इस बीमारी को दूसरों तक पहुंचाने से भी रोकने में समर्थ होता है और इस प्रकार वह समाज के लिये बड़े  सामाजिक लाभ को पहुंचाने में भी सफल रहता है। ”

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, मिशन इन्द्रधनुष के तहत बारह बीमारियों के खिलाफ महिलाओं और बच्चों के बड़े पैमाने पर टीकाकरण का उपक्रम शुरू किया गया था।

डॉ. हर्षवर्धन ने सभी लोगो से निहित स्वार्थ के लिये असत्य और गलत सूचनाओं को फैलाने के अभियानों का मुकाबला करने का आग्रह किया।

टीकों की सुरक्षा और प्रभावी होने के बारे में टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “प्रसिद्ध अस्पतालों के सभी प्रख्यात डॉक्टरों ने वैक्सीन लगवा ली है और इसके वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिये टीकाकरण के अभ्यास की प्रशंसा की है।

“कोरोना  की वैक्सीन (covid-19 vaccine) के लिये कुछ मुट्ठी भर लोग निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिये अफवाह फैलाने और लोगो में इस तरह के दुष्प्रचार करने में व्यस्त हैं और जनता के बीच वैक्सीन के बारे में हिचकिचाहट को बढ़ावा दे रहे हैं।”

डॉ. हर्षवर्धन कहा कि यह विरोधाभास ही है कि दुनिया भर के देश हमसे टीकों की खेप प्राप्त करने के लिए पूछ रहे हैं जबकि हमारे देश का एक वर्ग खुद संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ के लिए गलत सूचना और संदेह पैदा कर रहा है। ”

उन्होंने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र के कई अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ प्रमुख डॉक्टरों ने कोविड-19 वैक्सीन लगवा ली है, और बिना किसी दुष्प्रभाव के अपने काम पर लौट आए हैं।