नई दिल्ली, 24 जुलाई | केंद्र सरकार ने राज्यों से सभी स्थानीय कर हटाने और दालों, खाद्य तेलों एवं दैनिक उपभोग की अन्य जरूरी वस्तुओं की अधिकत कीमत तय करने के लिए कहा है, ताकि दैनिक उपभोग की ये जरूरी चीजें लोगों को उचित कीमत पर मिल सकें। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी वक्तव्य में कहा गया है कि राज्यों से आगामी त्यौहारी सीजन को देखते हुए कालाबाजारी और जमाखोरी पर नजर रखने का अनुरोध भी किया गया है।
वक्तव्य में कहा गया है, “उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव हेम पांडे ने राज्य के प्रधान सचिवों को लिखे पत्र में राज्यों से बाजार में समय-समय पर हस्तक्षेप करने तथा दालों और दैनिक उपभोग की अन्य वस्तुओं को सूची से हटाने के लिए एपीएमसी अधिनियम की समीक्षा करने के लिए कहा है ताकि किसान अपने उत्पाद अपनी मर्जी के मुताबिक कहीं भी बेच सकें।”
वक्तव्य के अनुसार, “इससे उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर दैनिक उपभोग की वस्तुएं मिलनी सुनिश्चित होंगी और किसानों को भी उनके फसल की बेहतर कीमत मिलेगी।”
कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम के तहत किसान सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मध्यस्थों के जरिए आधिकारिक मंडियों में ही अपनी फसल बेच सकते हैं।
पत्र में राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दाल व दैनिक उपभोग के अन्य खाद्य पदार्थो के कीमत निर्धारण के लिए नीति बनाने का आग्रह करते हुए कहा गया है कि सभी संबद्ध पक्षों के लिए इसे बाध्यकारी बनाया जाए कि वे इन वस्तुओं की अधिकतम कीमत तय करें।
हेम पांडे ने राज्यों से मूल्य स्थिरीकरण कोष योजना का लागू करने के लिए भी कहा है ताकि बाजार में हस्तक्षेप के जरिए दैनिक उपभोग की वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और उनके मूल्यों की नियमित तौर पर जांच की जा सके।
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