नई दिल्ली, 03 फरवरी (जनसमा)। ‘गंतव्य भारत’ पर एक दो दिवसीय वैश्विक जैव-प्रौद्योगिकी सम्मेलन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 5-6 फरवरी, 2016 को आयोजित किया गया है। यह सम्मेलन भारत की जैव-प्रौद्योगिकी की ताकत एवं क्षमता को प्रदर्शित करेगा। इस सम्मेलन में 2020 तक जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए 100 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार की जाएगी।
यह सम्मेलन भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मेक इन इंडिया के लिए की गई अपील के प्रत्युत्तर में भारत के जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश करने तथा वृद्धि की संभावना के साथ स्टार्ट अप कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए निवेशकों एवं अन्य प्रमुख हितधारकों को भी आकर्षित करेगा। यह मुख्य रूप से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों- मेक इन इंडिया, जैव उद्यमशीलता का पोषण, स्किल इंडिया, जैव-प्रौद्योगिकी अवसरों तथा स्वच्छ भारत एवं स्वस्थ भारत के लिए उठाये गए कदमों पर फोकस करेगा।
इस सम्मेलन से छात्रों एवं अनुसंधानकर्ताओं को सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों के मार्गदर्शन का अवसर भी मिलेगा।
इस सम्मेलन का आयोजन जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा 26 फरवरी, 2016 को अपना संस्थापना दिवस मनाने की एक तैयारी के रूप में भी किया जारहा है। 1986 में अस्तित्व में आने के बाद, पिछले तीस वर्ष देश में जीवन विज्ञान एवं जैव-प्रौद्योगिकी के विकास के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं और डीबीटी का प्रभाव राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर रहा है।
इस सम्मेलन के दौरान विचार-विमर्श के लिए जैव-प्रौद्योगिकी सहयोग, समावेशी विकास के लिए जैव-प्रौद्योगिकी अन्वेषण, जैव-प्रौद्योगिकी एवं समाज तथा अन्य विषय निर्धारित किए गए हैं। इन विचार-विमर्शों से राज्य सरकारों की नीतियों के साथ जैव-प्रौद्योगिकी रणनीति के लक्ष्य को समायोजित करने तथा संयुक्त कार्य योजनाएं तैयार करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
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