नई दिल्ली, 14 मई | भारतीय रेल ने पिछले दो वर्षो में लगभग 4,800 किलोमीटर ब्राड गेज पटरी बिछाने का काम पूरा कर लिया है। अब रेल 7.7 किलोमीटर प्रति दिन के हिसाब से 2,800 किलोमीटर ब्राड गेज पटरी बिछाने की तैयारी में है।
रेलवे बोर्ड के सदस्य अभियंता, वी.के. गुप्ता ने कहा कि रेलवे ने पिछले दो वर्षो में लगभग 4,800 किलोमीटर ब्राड गेज पटरी बिछाने का काम पूरा कर लिया है, जिसमें लगभग 1,200 किलोमीटर नई लाइन है, 1,900 किलोमीटर आमान परिवर्तन और 1,700 किलोमीटर दोहरीकरण शामिल है।
गुप्ता ने यहां कहा, “पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारतीय रेल ने पिछले दो वर्ष में लगभग 900 किलोमीटर ब्राड गेज का काम पूरा किया, और 2016-17 में लगभग 50 किलोमीटर मीटर गेज लाइन को ब्राड गेज में बदलने का काम करना है। इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर तीसरे वैकल्पिक संपर्क मार्ग (न्यु मयनागुड़ी-जोगीघोपा) के 132 किलोमीटर हिस्से का काम भी पूरा कर लिया गया।”
गुप्ता ने कहा, “पिछले दो वर्षो में पूरा की गई महत्वपूर्ण रेल पटरियों में जम्मू एवं कश्मीर की ऊधमपुर-कटरा (25 किलोमीटर) रेल लाइन, अरुणाचल प्रदेश में रंगापारा-मुरकांगसेलेक और बालीपारा-भालुकपोंग (362 किलोमीटर) खंड, असम में लुमडिंग-सिलचर (210 किलोमीटर) का आमान परिवर्तन शामिल हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे पूर्वोत्तर क्षेत्र को रेलवे के नक्शे पर लाने के लिए बचनबद्ध है।
गुप्ता ने बताया, “सिलचर और अगरतला के बीच पैसेंजर गाड़ी सेवा शुरू की गई है, इसके साथ ही त्रिपुरा की राजधानी ब्राड गेज पर आ गई है। इसी तरह दुधनोई-मेंडीपाथर (20 किलोमीटर) नई लाइन ने मेघालय को भारतीय रेल के ब्राड गेज नेटवर्क से जोड़ दिया है। कथकल-भैराबी और अरुणाचल-जिरिबाम खंडों के काम पूरा होने के साथ ही मिजोरम और मणिपुर भी देश के ब्राड गेज नक्शे पर आ गए हैं।”
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