धर्मनिरपेक्ष देश में अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय के लिए जगह नहीं : स्वामी

नई दिल्ली, 12 जनवरी । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का अल्पसंख्यक दर्जा रद्द करने के सम्बन्धी केंद्र सरकार के फैसले का भाजपा नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने स्वागत किया है। साथ ही विश्वविद्यालय का नाम बदल कर अलीगढ़ विश्वविद्यालय करने की मांग भी की है I

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में मंगलवार को कहा कि एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा रद्द करने के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री मोदी सरकार के रुख की वह सराहना करते हैं I  कारण यह है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जंहा केंद्र सरकार किसी भी अल्पसंख्यक संस्थान की स्थापना नहीं कर सकती। इसके अलावा एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है क्योंकि इसकी स्थापना संसद द्वारा पारित एक कानून के तहत की गई है।

स्वामी ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को विश्वविद्यालय का नाम भी बदल देना चाहिए और विश्वविद्यालय का नाम सिर्फ अलीगढ़ विश्वविद्यालय के रूप में किया जाना चाहिए I उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में किसी भी अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय की जगह नहीं हो सकती है I

जानकारी के अनुसार एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे के मामले में गत सोमवार को उच्चतम न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र सरकार के रूख में बदलाव के सकेंत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा रद्द करने पर विचार कर रही है क्योंकि यह एक धर्म निरपेक्ष देश है और देश में किसी भी अल्पसंख्यक संस्थान की स्थापना नहीं की जा सकती है I इस मसले पर केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल करने की तैयारी कर रही है I 2006 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा समाप्त कर दिया था, लेकिन केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनैती दी थी।-(हि.स.)