नई दिल्ली, 11 मई (जनसमा)। हिमाचल के पर्यटक शहर धर्मशाला को स्मार्ट सिटी बनाने में श्रेष्ठ तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि इसके विकास में विभिन्न देशों में उपलब्ध तकनीक का समावेश करके एक उदाहरण
प्रस्तुत किया जाए।
यह बात हिमाचल के शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने बुद्धवार को प्रगति मैदान में चल रहे तीन दिवसीय ष्स्मार्ट सिटिज एक्सपो 2016ष् में कही। इस तीन दिवसीय एक्सपो में लगभग 40 देश भाग ले रहे हैं तथा अनेक कम्पनियों ने अपनी प्रदर्शनियां लगाई हैं।
प्रदर्शनी के बारे मेकं बातचीत करते हुए शर्मा ने कहा कि इससे देश के शहरों के सुनियोजित विकास और आधुनिक सुविधाओं से युक्त शहरीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में सहयोग मिलेगा। इस एक्सपो का मुख्य उद्देश्य देश के शहरों के विकास में इच्छुक कम्पनियों को विभिन्न क्षेत्रों की तकनीक जानने के लिए एक उपयुक्त कारगर मंच उपलब्ध कराना है।
इस अवसर पर स्वीडन के भारत में राजदूत हैराल्ड सैंडबर्ग के साथ बातचीत करते हुए सुधीर शर्मा ने उनसे उनके देश में परिवहन, ऊर्जा, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी हासिल की और उन्हें हिमाचल
प्रदेश में संभावित क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया। धर्मशाला में पार्किंग तथा प्राकृतिक आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में सुझाव देने के लिए उनकी टीम को धर्मशाला आने का निमंत्रण भी दिया। स्वीडन का यह दल धर्मशाला में
प्रदूषण मुक्त 10 पार्किंग स्थलों तथा टर्मिनल पायलट परियोजना के रूप में विकसित करने के लिए भी विचार .विमर्श करेगी।
हालैंड की ‘ग्रीन ग्रास’ प्रदर्शनी की चर्चा करते हुए उन्होंने इच्छा जाहिर की कि इस तकनीक को धर्मशाला में खेल मैदान को विकसित करने में इस्तेमाल किया जासकता है।
इस अवसर पर हालैंड के भारत में राजदूत अल्फोंसस स्टोलिंगा ने ग्रीन ग्रास की विशेषता तथा इससे खेल परिसर विशेषकर फुटबाल खेलने के लिए तैयार किये जाने वाले मैदान पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।