धान की कस्टम मिलिंग के लिये नीति निर्धारित

भोपाल, 02 फरवरी। मध्यप्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिये नीति निर्धारित कर ली गयी है। प्रदेश में उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग राज्य एजेंसी द्वारा मिलर्स से कस्टम मिलिंग अनुबंध कर भण्डारण-स्थल से न्यूनतम दूरी पर स्थित मिलों को प्राथमिकता देते हुए ‘पहले आओ-पहले पाओ” के सिद्धांत पर करवायी जायेगी।

कस्टम मिलिंग में अरवा चावल के साथ उसना चावल के रूप में की जाकर परिदान की जा सकेगी। अरवा चावल के लिये उपार्जित एजेंसी द्वारा मिलर्स को केन्द्र सरकार से निर्धारित मिलिंग की दर के अलावा 25 रुपये प्रति क्विंटल तथा उसना चावल के लिये प्रथम 3 माह में मिलिंग कर भारतीय खाद्य निगम में जमा करने पर 15 रुपये प्रति क्विंटल तथा 3 माह बाद जमा करने पर 10 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान रखा गया है। कस्टम मिलिंग किये गये उसना चावल का परिदान अनिवार्य रूप से भारतीय खाद्य निगम को किया जायेगा।

मिलर्स को परिवहन दर आयुक्त खाद्य, नागरिक आपूर्ति की अध्यक्षता में गठित स्टेण्डिंग कमेटी द्वारा निर्धारित अनुसार प्रदान की जायेगी। उपार्जन एजेंसियों को मिलिंग दर पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। कस्टम मिलिंग का कार्य इस वर्ष 30 जून, 2016 तक अनिवार्य रूप से पूरा किये जाने के लिये कहा गया है।