रायपुर, 7 जुलाई (जनसमा)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) नई दिल्ली के कैम्पस में आयोजित सरकारी हायर सेकेण्डरी स्कूलों के प्राचार्यों के लिए आयोजित राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को भरपूर प्रशंसा मिली है। राज्य के पांच प्राचार्यों ने इसमें हिस्सा लिया और विभिन्न सत्रों में देश के वरिष्ठ शिक्षाविदों के सामने छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था की श्रेष्ठता साबित करने में उन्हें उत्साहजनक कामयाबी भी मिली।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबंधित राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। शिक्षा के क्षेत्र में लीडरशिप और प्रबंधन का प्रशिक्षण देना इसका मुख्य उद्देश्य था। इसमें छत्तीसगढ़ के प्राचार्यों के पांच सदस्यीय दल का नेतृत्व शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल पटेवा (जिला महासमुन्द) के प्राचार्य समीरचंद्र प्रधान ने किया। एक माह के सम्पूर्ण प्रशिक्षण में पहली बार प्राचार्यों की लिखित परीक्षा भी ली गई, जिसमें प्रधान को ए-प्लस श्रेणी के साथ प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। प्राचार्यों के दल में राज्य के राजनांदगांव जिले के दीपक ठाकुर, सरगुजा जिले की भारती वर्मा और बस्तर (जगदलपुर) की सुधा परमार सहित दंतेवाड़ा जिले के आर.के. ठाकुर भी शामिल थे।
राष्ट्रीय स्तर के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से प्राचार्य समीरचंद्र प्रधान ने राज्य के स्कूली बच्चों के समग्र विकास के लिए तैयार शैक्षणिक समय-सारिणी और अध्यापन शैलियों पर अपना प्रभावी प्रस्तुतिकरण दिया। प्रधान ने राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शुरू किए गए नवाचार कार्यक्रमों और शैक्षिक योजनाओं के क्रियान्वयन में प्राचार्यों की भूमिका पर भी अपने प्रस्तुतिकरण में प्रभावी जानकारी दी। उनके आलेखों सहित प्रस्तुतिकरण ने हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड और बिहार सहित कई राज्यों के प्राचार्यों का ध्यान आकर्षित किया ।
उन्होंने प्रधान से छत्तीसगढ़ के शैक्षिक नवाचारों पर आधारित प्रस्तुतिकरण की कापी भी प्राप्त की। राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (न्यूपा) के कुलपति सहित प्राध्यापकों और अधिकारियों ने भी इसे काफी पसंद किया और देश के सभी प्राचार्यों के लिए अनुकरणीय बताया। विगत माह जून में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधान ने वहां छत्तीसगढ़ शासन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर चलाए जा रहे शिक्षा गुणवत्ता अभियान की भी जानकारी दी।
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