नई दिल्ली, 07 सितंबर। भारत को हम एक knowledge economy बनाने के लिए प्रयासरत हैं। नई शिक्षा नीति इस संकल्प को सिद्ध करने की दिशा में बड़ा कदम है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 पर आयोजित गवर्नर कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में उक्त विचार रखते हुए यह भी कहा कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए। शिक्षा नीति से जितना शिक्षक जुड़े होंगे, अभिभावक जुड़े होंगे, छात्र-छात्राएं जुड़े होंगे, उतना ही उसकी प्रासंगिकता और व्यापकता, दोनों ही बढ़ती है।
मोदी ने कहा कि शिक्षा नीति का जो ड्राफ्ट तैयार हुआ था, उसके अलग-अलग प्वाइंट्स पर भी 2 लाख से अधिक लोगों ने अपने सुझाव दिए थे। यानि अभिभावक, छात्र- छात्राएं, शिक्षाविद, शिक्षक, शिक्षा प्रबंधक, प्रोफेशनल्स, सभी ने इसे तैयार करने में अपना योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-National Education Policy, सिर्फ पढ़ाई-लिखाई के तौर-तरीकों में ही बदलाव लाने के लिए नहीं है। ये पॉलिसी 21वीं सदी के भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन को नई दिशा देने वाली है।
- ये पॉलिसी देश के युवाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के मुताबिक knowledge और skills, दोनों मोर्चों पर तैयार करेगी।
- नई शिक्षा नीति, study के बजाय learning पर फोकस करती है और curriculum से और आगे बढ़कर critical thinking पर ज़ोर देती है।
- इस पॉलिसी में process से ज्यादा passion, practicality और performance पर बल दिया गया है। इसमें foundational learning और languages पर भी फोकस है।
- इसमें learning outcomes और teacher training पर भी फोकस है। इसमें access और assessment को लेकर भी व्यापक रिफॉर्म्स किए गए हैं। इसमें हर student को empower करने का रास्ता दिखाया गया है।
- ये पॉलिसी देश के युवाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के मुताबिक knowledge और skills, दोनों मोर्चों पर तैयार करेगी। नई शिक्षा नीति, study के बजाय learning पर फोकस करती है और curriculum से और आगे बढ़कर critical thinking पर ज़ोर देती है।
- इस पॉलिसी में process से ज्यादा passion, practicality और performance पर बल दिया गया है। इसमें foundational learning और languages पर भी फोकस है। इसमें learning outcomes और teacher training पर भी फोकस है।
- इसमें access और assessment को लेकर भी व्यापक रिफॉर्म्स किए गए हैं। इसमें हर student को empower करने का रास्ता दिखाया गया है।
- अब हमारे युवा अपने Interest, अपने aptitude के हिसाब से पढ़ाई कर सकेंगे।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में, समस्याओं का समाधान तो है ही, academic bank of credit से भी छात्रों को बहुत लाभ होगा।
- आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए युवाओं का skillful होना बहुत ही ज़रूरी है। छोटी उम्र से ही vocational exposure मिलने से हमारा youth भविष्य के लिए बेहतर तरीके से तैयार होगा।
- practical learning से हमारे युवा साथियों की employability देश में तो बढ़ेगी ही, global Job market में भी हमारी हिस्सेदारी ज्यादा होगी।
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने brain drain को tackle करने के लिए और सामान्य से सामान्य परिवारों के युवाओं के लिए भी best international institutions के campus भारत में स्थापित करने का रास्ता खोला है।
- ये शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं है। ये देश की शिक्षा नीति है।
- हमारी जिम्मेदारी ये है कि हम हर यूनिवर्सिटी, हर कॉलेज में technological solutions को ज्यादा promote करें।
- कोशिश ये की जा रही है कि higher education के हर पहलू, चाहे वो academic हो, technical हो, vocational हो, हर प्रकार की शिक्षा को silos से बाहर निकाला जाए।
- higher education के regulation को भी इस पॉलिसी के जरिए, और simplify, और streamline किया जाएगा।
- graded autonomy के concept के पीछे भी कोशिश यही है कि हर कॉलेज, हर यूनिवर्सिटी के बीच healthy competition को encourage किया जाए और जो संस्थान बेहतर perform करते हैं उनको Reward किया जाए।