पटना, 2 अक्टूबर | गांधी जयंती पर रविवार को बिहार आबकारी एवं मद्यनिषेध अधिनियम जैसे नए कठोर कानून लागू होने से बिहार एक बार फिर मद्य निषिद्ध राज्य बन गया। अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार शराब से प्रतिबंध नहीं हटाएगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक हुई, जिसमें औपचारिक रूप से प्रदेश में नए कानून को लागू करने की मंजूरी दी गई।”
अधिकारी ने कहा कि बैठक में उपस्थित सभी मंत्रियों ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी के लिए सरकार के कदम का समर्थन किया।
उल्लेखनीय है कि गत शुक्रवार को पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में शराबबंदी पर प्रतिबंध को रद्द कर दिया था, जो पुराने आबकारी और मद्य निषेध कानून के तहत इस साल पांच अप्रैल से लागू था।
हालांकि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश आने से पहले घोषणा की थी कि वह दो अक्टूबर से नए कठोर कानून लागू करेगी।
राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश का संबंध पुराने कानून से है, जो इस साल अप्रैल महीने में लागू हुआ था।
उन्होंने कहा कि नए कानून पर उच्च न्यायालय के आदेश का कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह बिहार के दोनों सदनों के विधायकों द्वारा पारित है और इस पर राज्यपाल रामनाथ कोविंद की भी मुहर लगी हुई है।
नीतीश कुमार ने रविवार को मंत्रिमंडल की बैठक के तुरंत बाद संवाददाताओं से कहा कि उनकी सरकार शराब पर से प्रतिबंध बिल्कुल नहीं हटाएगी। “शराबबंदी के साथ आगे बढ़ना हमारा कर्तव्य है।”
नीतीश कुमार ने कहा कि चूंकि महात्मा गांधी ‘जन चेतना’ के प्रतीक हैं, इसलिए उनकी जयंती पर सरकार ने नया कानून लागू किया है।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को लोगों, खास तौर पर महिलाओं से राज्य में शराबंदी को लागू करने में सरकारी एजेसियों की मदद करने की अपील की थी।
नए शराबबंदी कानून के तहत अगर किसी घर में शराब मिलती है तो परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को गिरफ्तार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून में पुराने कानून की कमियों को दूर किया गया है। –आईएएनएस
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