न्यूयॉर्क, 19 सितंबर | अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा विकसित बायोइंजीनियरिंग जेल की मात्र एक खुराक बच्चों में अमूमन होने वाले कान के संक्रमण के उपचार के लिए दिए जाने वाले पूरे एंटीबायोटिक कोर्स का काम कर सकता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। कान में होने वाला यह बेहद आम संक्रमण है, जिसे ओटिटिस मेडिया भी कहते हैं जो अक्सर विषाणुओं या जीवाणुओं की वजह से होता है।
इसके आम लक्षणों में कान में दर्द और कुछ मामलों बुखार होता है। इससे कान से तरल पदार्थ बहने लगता या सुनने में दिक्कत होती है। हालांकि ज्यादातर कान के संक्रमण खुद ब खुद ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ में एंटीबायोटिक की जरूरत पड़ती है।
कान के लिए उच्च एंटीबायोटिक खुराक की जरूरत होती है। इससे दस्त, चकत्ते और मुंह के छाले जैसे दुष्प्रभाव होना आम बात है।
अमेरिका के मैसाचुसेट्स बाल चिकित्सालय में केमिकल इंजीनियर रोंग यांग ने कहा, “कान में संक्रमण के उपचार के लिए मुंह से ली जाने वाली दवा के जरिए आपको बार-बार पूरे शरीर का इलाज कराना होता है।”
यांग ने कहा, “इस जेल के जरिए कोई बाल चिकित्सक एक बार में ही पूरा एंटीबायोटिक कोर्स के बराबर उपचार दे सकता है।”
कान में जेल को डालने के बाद यह जल्दी कड़ा होकर ठहर जाता है और धीरे-धीरे कान के पर्दे से होते हुए यह एंटीबायोटिक जेल कान के मध्य में फैल जाता है।
बोस्टन बाल चिकित्सालय के डेनियल कोहने ने कहा, “हमारी तकनीकी चीजों को कान के पर्दे के पार तक ले जाती है जो सामान्य उपचार में पर्याप्त मात्रा में वहां तक नहीं पहुंच पाती।”
पहले, कान के पर्दे (टिम्पैनिक मेमब्रेन) को अभेद्य अवरोध कहते थे, लेकिन बायोइंजीनियरिंग जेल से रसायन पारगमन वर्धकों (सीपीईएस) की मदद से वहां से पार हो जाती है।
अध्ययन शोधपत्रिका ‘जर्नल साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसीन’ में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने इसे कान के संक्रमण के इलाज में ज्यादा सुरक्षित बताया है।–आईएएनएस
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