नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए दिया जा रहा रोजगारमूलक प्रशिक्षण

रायपुर, 08 मार्च। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह राज्य की लगभग चार दशक पुरानी नक्सल समस्या के शांतिपूर्ण, सदभावनापूर्ण और सम्मानजनक समाधान के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ पहल कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए आकर्षक पुनर्वास पैकेजों की घोषणा की है, जिसके उत्साहजनक नतीजे मिलने लगे हैं। राज्य शासन के गृह विभाग द्वारा यहां मंत्रालय से जारी आदेश में पुनर्वास नीति  के साथ उस पर अमल के लिए नवीन संशोधित कार्ययोजना भी जारी कर दी गई है।

गृह विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि आत्मसमर्पण के बाद नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा संचालित लाईवलीहुड कॉलेजों में रोजगारमूलक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लगभग ग्यारह दिन पहले बस्तर जिले के ग्राम बड़े किलेपाल (विकासखण्ड बास्तानार) में आयोजित पंच-सरपंचों के सम्मेलन में 32 आत्मसमर्पित नक्सलियों को राजमिस्त्री के सफल प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र प्रदान कर अपनी शुभकामनाएं दी।

इन पूर्व नक्सलियों ने जगदलपुर के लाईवलीहुड कॉलेज में भवन निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यों का लगभग 75 दिनों तक प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिनमें ईटों की जोड़ाई, प्लास्टरिंग, टाईल्स फिटिंग, सेनेटरी वर्क, आंतरिक बिजली फिटिंग जैसे कार्य शामिल हैं। कल तक तोड़-फोड़ जैसे विध्वंसक कार्यों में अपना बहुमूल्य समय और जीवन नष्ट करने वाले ये नौजवान अब जोड़ने का हुनर सीखकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने लगे हैं। पुनर्वास कार्य योजना की  समीक्षा के लिए जिला स्तर पर कलेक्टरों की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। आकर्षक पुनर्वास पैकेजों से प्रभावित होकर पिछले करीब छह महीने में राज्य में चार सौ से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर शांतिपूर्ण जीवन जीने का संकल्प लिया है।

समिति में कलेक्टर द्वारा नामांकित सदस्य शामिल होंगे। पूर्व में कार्यरत जिला स्तरीय समितियां कार्यशील रहेंगी। इस समिति में जिले में कार्यरत केन्द्रीय बलों के सेनानी को भी शामिल किया जाएगा। राज्य स्तरीय समिति गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई है। इसमें उनके द्वारा नामांकित व्यक्ति सदस्य होंगे। पुनर्वास नीति के क्रियान्वयन के समय पूर्व से ही गठित राज्य स्तरीय अन्तर्विभागीय समिति भी प्रभावशील रहेगी। नक्सल पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए पीड़ित व्यक्तियों द्वारा पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक आवेदन का परीक्षण कर आवश्यक दस्तावेजों के साथ जिला स्तरीय समिति को भेजेंगे। जिला स्तरीय समिति द्वारा आत्मसमर्पित नक्सलियों के प्रकरणों को पुलिस अधीक्षक से प्राप्त कर पुनर्वास की कार्रवाई के लिए हर दो महीने में बैठक आयोजित की जाएगी।

पुनर्वास प्रक्रिया के तहत नक्सल पीड़ित अथवा आत्मसमर्पित नक्सलियों से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। ताजा आदेश के अनुसार राज्य शासन द्वारा प्रदेश के नक्सल पीड़ित व्यक्तियों, परिवारों और आत्म समर्पित नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और पर्याप्त सुरक्षा एवं पुनर्वास के लिए पूर्व में जारी आदेशों और समस्त संशोधित आदेशों में दर्शित बिन्दुओं को शामिल कर वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर यह पुनर्वास कार्य योजना स्वीकृत की गयी है।