रायपुर, 05 अक्टूबर (जस)। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ तथा नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले के मुख्यालय में भारत की पहली और इकलौती चिकित्सा ट्रेन आज पहुंच गई। पहियों वाले अस्पताल के नाम से प्रसिद्ध ‘लाइफ लाइन एक्सप्रेस’ में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित कुल छह डिब्बे हैं। इनमें दो डिब्बे शल्य चिकित्सा (ऑपरेशन) तथा एक डिब्बा ओपीडी के लिए रखे गए हैं। शेष डिब्बों में परीक्षण आदि के कार्य सम्पादित होंगे।
छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप ने बुधवार को जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा में लाईफ लाइन एक्सप्रेस में होने वाले चिकित्सा शिविर का शुभारंभ किया। इस ट्रेन से 26 अक्टूबर तक निःशुल्क इलाज की सुविधा जारी रहेगी। इसके माध्यम से उपचार कराने के लिए दंतेवाड़ा जिले के साथ-साथ बीजापुर और सुकमा जिले के अब तक साढ़े तीन हजार लोगों का चिन्हांकन हो चुका है।
इस अवसर पर केदार कश्यप ने कहा कि लाइफ लाइन एक्सप्रेस के माध्यम से देश के जाने-माने विशेषज्ञ चिकित्सक इस दूरस्थ आदिवासी अंचल में उपलब्ध हुए हैं। यहां मरीजों का बेहतर इलाज सहित शल्य चिकित्सा से उपचार किया जाएगा। इसके बाद उन्हें जरूरत के अनुसार दवाएं भी निःशुल्क प्रदान की जाएगी। कश्यप ने लाइफ लाइन एक्सप्रेस और पंजीयन कक्ष आदि का भ्रमण कर जायजा लिया और बेहतर प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन सहित चिकित्सकों की सराहना की।
लाइफ लाइन एक्सप्रेस में आंखों के इलाज के लिए परीक्षण पांच अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक और ऑपरेशन छह अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक होंगे। कटे-फटे होठ की जांच 14 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक और शल्य चिकित्सा (ऑपरेशन) 15 से 16 अक्टूबर तक, पोलियो तथा अस्थि रोग से संबंधित परीक्षण 17 सेे 18 अक्टूबर और शल्य चिकित्सा (ऑपरेशन) 18 से 21 अक्टूबर तक होंगे। मिर्गी तथा दंत रोग के संबंध में सर्जरी नहीं होगी, इनका इलाज लाइफ लाइन के ओपीडी में ही होगा। कान के रोगों का परीक्षण 22 से 24 अक्टूबर और शल्य चिकित्सा (ऑपरेशन) 23 से 26 अक्टूबर तक होगी।
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