‘नमामि गंगे’ को सफल बनाने के लिए जनसहभागिता जरूरी: रावत

नई दिल्ली/देहरादून, 30 जनवरी। “नमामि गंगा मिशन को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर स्थानीय जनसहभागिता बहुत जरूरी है। गंगा नदी के किनारे के गांवों में पेयजल कूड़ा निस्तारण शौचालयों की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को पूरी मदद के लिए आगे आना होगा।”

नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा ‘‘स्वच्छ गंगाग्रामीण सहभागिता’’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर का परामर्श व जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि नदियों से प्राप्त आजीविका प्रभावित न हो।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार गंगा यमुना व अन्य नदियों की स्वच्छता व संरक्षण के लिए दिल व भावना से संकल्पित है। गंगा हमारी सभ्यता की प्रतीक है। हम हरिद्वार तक गंगा जी के जल की शुद्धता बरकरार रखने के लिए वचनबद्ध हैं। परंतु हरिद्वार से आगे गंगा को स्वच्छ रखने के लिए अधिक काम करना होगा। हम अपने प्रदेश में जल संवर्धन व जल संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं।

पर्वतीय क्षेत्रों में छोटेछोटे जलाशय बनाने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ ही स्थानीय व्यक्तियों संस्थाओं व ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए वाटर बोनस भी दिया जा रहा है। चौड़ी पत्ती के पेड़ लगाने के लिए भी प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हम उत्तराखण्ड में जैविक खेती को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार की मदद की भी जरूरत होगी। उत्तराखण्ड में बायोशौचालयों के निर्माण में भी केंद्र सरकार सहयोग करे। नदियों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए परंतु इसके संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत सोच में परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता है। नदियों की अविरलता को ठीक से परिभाषित किया जाना चाहिए। नदियों का संरक्षण इस प्रकार से किया जाए कि इनसे प्राप्त आजीविका प्रभावित न हो।

इस अवसर पर केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती, केंद्रीय सड़क परिवहन राष्ट्रीय राजर्माग व नौवहन मंत्री नितिन गड़करी, केंद्रीय ग्राम्य विकास पंचायतीराज स्वच्छता व पेयजल मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा, केंद्रीय युवा व खेल राज्य मंत्री सर्वानंदा सोनोवाल, केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास व गंगा संरक्षण राज्य मंत्री सांवरलाल जाट सहित बड़ी संख्या में पचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।