Follow @JansamacharNewsकिशोर न्याय अधिनियम में नाबालिगों को तंबाकू उत्पाद बेचने पर कठोर दंड
जयपुर ,15 जनवरी।देशभर में तंबाकू उत्पादों की बिक्री नाबालिगों से करने और कराने वालों पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत् कड़ी कार्यवाही होगी जिसमें 7 साल की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकेगा। 16 जनवरी से नाबालिगों से तंबाकू उत्पादों की बिक्री कराना और करना आसान नही होगा।देश में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का किशोर न्याय ( बाल देखभाल और संरक्षण)अधिनियम 2015, 15 जनवरी 2016 से लागू हो गया है। इस तरह का कठोर अधिनियम बनाने वाला भारत दुनिया को पहला राष्ट्र बन गया है जहां बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचने और बच्चों द्वारा तंबाकू उत्पाद बिक्री कराने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
तंबाकू के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए अधिनियम में धारा 77 को निम्न तरह से महत्वपूर्ण संशोधन किया गया गया है जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति किसी येाग्य डाक्टर के परामर्श के बिना किसी बच्चे को मादक या नशीली दवा या तंबाकू उत्पाद या नशीला पदार्थ देता है या देने का कारण बनता है तो उसे अधिनियम के तहत सात साल तक की कठोर सजा हो सकती है और साथ ही उसे एक लाख रुपए तक का जुर्माना भी हो सकता है।
टाटा मेमोरियल अस्पताल के प्रोफेसर और सर्जन डा. पंकज चतुर्वेदी बतातें है कि इससे पहले का का कानून जिसे सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद 2003 कोटपा के नाम से जाना जाता था. वह छोटे बच्चों के बीच मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने में पूरी तरह विफल रहा क्योंकि इसके तहत किया जाने वाला जुर्माना सिर्फ 200 रुपए था। इस बार मेनका गांधी के अथक प्रयासों की सराहना करने की जरूरत है क्योकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तंबाकू समुदाय में इसे परिवर्तनकारी के रूप में पहले से ही देख जा रहा है।
वे बतातें है कि करीब 27.5 करोड़ भारतीय तंबाकू का सेवन करते हैं और इनमें एक बड़ी संख्या उन लोगों की है जिन्हें बचपन में ही इसकी लत लग जाती है। ग्लोबल एडल्ट टोबेको के सर्वे के अनुसार भारत में तंबाकू की लत 17 साल की उम्र में लग जाती है।
ग्लोबल यूथ टोबेको के सर्वे में सामने आया कि भारत के 20 प्रतिशत बच्चे तंबाकू के उत्पादों का प्रयोग करते हैं। 5500 बच्चे, किशोर प्रति दिन तंबाकू का सेवन करते हैं। यह अधिनियम हमारी आने वाली पीढ़ी को इस खतरनाक लत से बचाएगा। बिना किसी संदेह के यह साबित हो चुका है कि कैंसर, हृदय रोग और हृदयाघात के रूप में प्रत्येक तीसरे व्यक्ति की अकाल मृत्यु तंबाकू के सेवन से हो रही है।
क्या है अधिनियम
– इस अधिनियम की धारा 107(1) के तहत बाल कल्याण पुलिस अधिकारी नामित किया गया है।– 7 साल की सजा व एक लाख रुपए जुर्माना
-पुलिस,स्वैच्छिक और गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से तंबाकू उत्पादों के शिकार बच्चों और इसके अपराधियों से समस्या को विशेष रूप से सुलझाने के लिए प्रत्येक थाने में बाल पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की जाए। यह अधिकारी किसी भी रूप में उप निरीक्षक के ओहदे से कम न हो और जिसे उचित प्रशिक्षण प्राप्त हो।-हि.स.