उज्जैन में 13 मई,2016 को सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान नासिक से आए संन्यासी क्षिप्रा में स्नान और अनुष्ठान करने के लिए जाते हुए।
यह परंपरा 18वीं सदी से शुरू हुई जब मराठा शासक रानोजी शिन्दे ने सिंहस्थ के दौरान नासिक से संन्यासियों को क्षिप्रा में स्नान के लिए आमंत्रित किया था।
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