नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (जस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण और चीन के वित्त तथा वाणिज्य उपमंत्री वांग शॉवेन ने दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि द्विपक्षीय व्यापारिक घाटा बढ़ना भारत के लिए चिंता का विषय है, जो लंबी अवधि के स्थायी व्यापारिक संबंधों के लिए अपने माल के वास्ते चीन के बाजारों में अधिक पहुंच चाहता है।
वाणिज्य मंत्री ने विशेष रूप से पहले से ही यूएसएफडीए और ईयूएफडीए मान्यता प्राप्त लोगों के लिए भारतीय चावल के आयात और चीन को भारतीय औषधीय उत्पादों के आयात के लिए ‘ग्रीन चैनल’ की त्वरित मंजूरी देने का आग्रह किया। उन्होंने चीन के उपमंत्री से वैश्विक ख्याति प्राप्त भारतीय कंपनियों के लिए आईटी/आईटीईएस परियोजनाओं के प्रदर्शन पर भी विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने मंजूरी की लंबी प्रक्रियाओं पर चिंता व्यक्त की जिसके कारण चीन में व्यापारिक अवसरों की तलाश में भारतीय कंपनियां निराश हो जाती है।
सीतारमण ने अन्य बातों के अलावा भारतीय तम्बाकू और खाद्य तेल भोजन के स्रोत के लिए भारत से ‘खरीद मिशन’ का भी अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग द्वारा बुलाई गई शीर्ष स्तरीय बैठकों के अनुरूप दोनों नेताओं ने चीन में भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए अधिक से अधिक बाजार पहुंच उपलब्ध कराने के उपायों पर ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
चीन के उपमंत्री ने आश्वासन दिया कि चीन के बाजारों में भारतीय वस्तुओं की पहुंच के संदर्भ में वह भारत की चिंताओं को दूर करने की कोशिश करेगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में चीन ने भारतीय औषध उत्पाद आयात के लिए भारतीय औषधीय कंपनियों को त्वरित मंजूरी दी है।
चीन के उपमंत्री ने उन विभिन्न बहुपक्षीय क्षेत्रों में भारत से सहयोग का आग्रह किया जिनमें चीन और भारत शामिल हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सहयोग समझौते का अभिन्न हिस्सा होने के कारण ‘एकल उपक्रम’ पर भारत की चिंताओं को सेवाओं के बोर्ड के समक्ष विधिवत रूप से रखा जाएगा।
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